आठ प्रकार की सिद्धियां | Ashta Siddhi

योग के मार्ग पर यदि कोई पुरी निष्ठा पूर्वक चलने का संकल्प ले । सभी नियमो का दृढ़ता पूर्वक पालन करे । तो आगे चलकर उसको आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो जाती है जिनको अष्ट सिद्धि के नाम से भी जाना जाता है । योग दर्शन में महर्षि पंतजलि ने  कहा है जब एक … Read more

मोह माया का प्रभाव कहानी | The Influence of Illusion Hindi

The Influence of Illusion (maya) Hindi: एक बार एक महात्मा ने जनक जी से पूछा – माया का क्या मतलब है ?  वह ज्ञानी थे । संत महात्मा जनक जी के साथ शास्रार्थ करने आते थे । जनक जी ने कहा “योग्य समय पर प्रश्न का उत्तर दूंगा” एक दिन दोनों स्नान कर रहे थे। … Read more

जीवन उपयोगी विचार | Life Useful Thought Hindi

संत समागम आजकल लोगों को या किसी को भी प्रत्येक वस्तु को ज्यादा कठिन करने में आनंद आता है। ज्यादा कठिन बनाओ तो लोग कहेंगे की बहुत ज्यादा विद्वान है । सिद्धांत में कुछ ना हो तो भी बहुत पंडित होते हैं। और कठिन से कठिन सिद्धांत को सरल बनाकर लोगों के हृदय में पहुंचाने … Read more

Download Net Yoga Question Papers 2017 in Hindi PDF | NET Yoga Previous Papers in Hindi PDF

Net Yoga Question Papers 2017 :- यू जी सी (UGC ) विश्वदयालय अनुदान आयोग के द्धारा हर साल दो बार नैशनल इलेजिबिटी टेस्ट (NET ) का आयोजन विभिन्न विषयो के पर किया जाता है। जिसमें हाल ही में योग विषय को भी शामिल किया गया है। योग एक काफी रोचक और ज्ञानवर्धक विषय है। जो … Read more

पतंजलि योग सूत्र में वर्णित चित्त की पंच वृत्तियाँ

चित्त की वृत्तियाँ क्या है महर्षि पतंजलि ने योग सूत्र के समाधि पाद के छठे सूत्र में पांच प्रकार की चित्त की वृत्तियाँ बताई है। जिनका निरोध एक योग साधक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जैसा कि उन्होंने दूसरे सूत्र में कहा है कि श्लोक – योगश्चितवृतिनिरोधः यानि चित की वृत्तियों का निरोध हो जाना … Read more

आसनों के नाम और प्रकार | Name of all Asanas and Types in Hindi

पवनमुक्तासन भाग 1 पवनमुक्तासन भाग 2 पवनमुक्तासन भाग 3 वज्रासन समूह के आसन खडे होकर किये जाने वाले आसन सुर्य नमस्कार चन्द्र नमस्कार मध्यम आसन समूह पदमासन समूह के आसन पीछे की और झुकने वाले आसन आगे की और झुकने वाले आसन मेरुदण्ड मोडकर किये जाने वाले आसन सिर के बल किये जाने वाले आसन … Read more

श्रीमद् भगवत गीता एकादश अध्याय 11 “विश्व रुप दर्शन योग” अर्थ | Bhagavad Gita Chapter 11 in Hindi

विराट योग :- श्रीमद भगवत गीता के 11 वें अध्याय में अर्जुन भगवान से कहते है- हे भगवन ! आपने मुझे अध्यात्म विषय का पूर्ण उपदेश  दिया इससे मेरा मोह नष्ट हो गया है। आपने कहा यह सम्पूर्ण विश्व  मेरा ही स्वरुप है। मुझसे ही उत्पन होता है। मेरी शक्ति से ही स्थिर रहता है, और … Read more

श्रीमद् भगवत गीता द्वितीय अध्याय “सांख्य योग अथवा ज्ञान योग” अर्थ | Bhagavad Gita Chapter 2 in Hindi

श्रीमद भगवद गीता के अनुसार सांख्य योग अथवा ज्ञान योग का विवेचन – महाभारत युद्ध के प्रारम्भ में अर्जुन को अपने सम्बन्धियो को देखकर अत्यन्त करुणा उत्पन हुयी। अर्जुन की करुणा युक्त स्थिति को देखकर भगवान कृष्ण अर्जुन  से कहने लगे है अर्जुन ! तुम्हे असमय में यह श्रेष्ठ पुरुषो के द्धारा त्याज्य स्वर्ग की … Read more

श्रीमद् भगवत गीता प्रथम अध्याय “अर्जुन का विषाद योग” अर्थ | Geeta First Chapter in Hindi

अर्जुन का मोह जब महाभारत का युद्ध शुरु होने वाला था तभी अर्जुन को अपने परिजनो से मोह हो जाता है और वह युद्ध करने से मना कर देता है भगवान श्रीकृष्ण तब अर्जुन को गीता का ज्ञान देते है है अर्जुन प्राणीमात्र अपने जीवन में दुःखो की निवृति तथा सुख की प्राप्ति चाहता है। … Read more

आसनों का महत्व , ज्ञान व वर्गीकरण

आसनों का महत्व , ज्ञान व वर्गीकरण :- योग में आसनो का बडा ही महत्व है जिन का हमारे शरीर पर बडा ही चमत्कारी प्रभाव पडता है। जिसका रोगो पर अदभुद प्रभाव पडता है व धीरे धीरे हमारी बिमारीया ठीक होने लगती है। हमारी रोगो से लडने की क्षमता बढ जाती है। व शरीर हल्का … Read more