भ्रामरी प्राणायाम के लाभ | Bhramari Pranayama ke Labh Hindi

भ्रामरी प्राणायाम के लाभ : इसको करने से यक्ति के शरीर मे चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलते है। यदि कोई इस प्राणायाम का निरंतर अभ्यास करता है तो उसको लाभ ही लाभ होते है।भ्रामरी का सम्बद्ध भ्रमर से है। इसको करने के अनेक लाभ है ।

  • भ्रामरी करने से दिमाग का तनाव कम होता है
  • अनिद्रा से राहत मिलती है
  • चिंता दूर होती है
  • क्रोध कम आता है
  • रक्तचाप ठीक होता है
  • शरीर के ऊतक को स्वस्थ बनाता है
  • आवाज मीठी होती है
  • गले के रोग ठीक करता है
  • ध्यान लगाने के पूर्व यह एक उत्तम अभ्यास है।
  • यदि कोई गर्ववती स्त्री रोज 10 मिनट सुबह श्याम इसका अभ्यास करती है तो उसकी नार्मल डिलीवरी होने के पूरे चांस है यह अनुसंधान में पाया गया।
  • नाद ध्वनि सुनने के लिए उत्तम अभ्यास है।
  • ध्यान के लिए मस्तिक को विचारो से मुक्त करता है।

भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि

  • किसी ध्यानात्मक आसन ने बैठ जाए
  • कमर गर्दन सीधी
  • दोनों हाथों की तर्जनी (इंडेक्स) अंगुली से कान बंद कर दे।
  • आँखे बंद कर दे।
  • गहरी श्वाश भरें।
  • श्वाश छोड़ते हुए मा की ध्वनि करे ।
  • मुख ना खोले।
  • चिदाकाश यानी जहाँ पर तिलक लगाते है वहाँ पर एक नए आकाश को देखने का प्रयास करे।
  • धिरे से हाथों को नीचे ले आये।

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