गणेश चतुर्थी 2022 में कब है, गणेश चतुर्थी क्यों और कैसे मनाया जाता है, इसका महत्व ?

गणेश चतुर्थी का अर्थ:-

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है प्रमुख । गणेश चतुर्थी भारत में कई जगहों पर त्योहार मनाया जाता है। लेकिन कुछ जगहो पर इसे बढे ही धूम धाम के साथ घर घर मनाया जाता है जिसमे प्रमुख रूप से मुंबई महाराष्ट्र है । महाराष्ट्र के अलावा गणेश चतुर्थी का यह दिन पंजाब पुणे आदि कई महानगरों में भी यह त्योहार मनाया जाता है। कई स्थानों में इसके बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं। नो दिवस तक भगवान गणेश की पूजा व उपासना की जाती है। वेद, पुराणों के मुताबिक इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इन नौ दिनों में भगवान गणेश के जीवन का संपूर्ण विवरण देखने को मिलता है। और नोवे दिन भगवान् गणेश का धूमधाम के साथ विसर्जन किया जाता है ।

गणेश चतुर्थी कब मनाया जाता है ?

गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है । गणेश चतुर्थी इस वर्ष 31 अगस्त 2022 मनाई जाएगी ।

गणेश चतुर्थी मनाने की कहानी:-

इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि यह त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव ने भगवान गणेश को एक हाथी का सिर लगाकर पुनः जन्म दिया था। जिस दिन को गणेश चतुर्थी का नाम दिया गया है। और तभी से यह गणेश चतुर्थी व्रत के नाम से जाना गया।

गणेश चतुर्थी का पर्व कैसे मनाया जाता है:-

गणेश चतुर्थी मनाने के लिए हिंदू धर्म के लोग एक माह पहले से ही तैयारी करने में लग जाते हैं। कहीं कहीं जगह इसे 9 दिन तक चलाया जाता है। और कहीं 1 सप्ताह तक चलाया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग भक्ति गीत गाते हैं, और नृत्य करते हैं, और उपवास भी करते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं। कई लोग अपने दिन की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा करने से करते हैं। और नए कपड़े गरीबों में दान करते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर कई जगह गरीबों को भोजन वह भंडारा कराया जाता है। कई कुशल कारीगर भगवान गणेश की कलात्मक मूर्तियों का निर्माण करते हैं।

भगवान गणेश की मूर्तियों की पूजा उपासना हिंदू धर्म के लोग करते हैं। और पूजा उपासना के बाद मूर्ति को जल में प्रभावित करते हैं और कामना करते हैं। कि हे प्रभु तुम जल्द आना। और आशीर्वाद लेते हैं कि हमारे सब दुख दूर करना। भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजा जाता है, माना जाता है कि किसी भी कार्य की शुरूआत गणेश भगवान की आराधना करने के बाद ही की जाती है नहीं तो वह कार्य शुभ नहीं होता है । गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूरा बाजार गणेश भगवान की मूर्तियों से सजा होता है और हर्ष उल्लास से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी मनाने का महत्व:-


गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है। जो कि पूरे भारतवर्ष में भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जिसे भारतवर्ष के लोग बड़े हर्ष और उल्लास से मनाते हैं। शहर भर में सजाए गए पंडालों में प्रदर्शित भगवान गणेश की विशाल मूर्तियों को देखा जा सकता है। श्रीगणेश ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो समाज के सभी स्तरों में पूजनीय हैं। गणेश चतुर्थी को मनाने का महत्व यह है कि भगवान श्री गणेश को ज्ञान समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। भगवान गणेश की उपासना करने से सभी कार्य सफल होते हैं और मनुष्य को आगे बढ़ने की राह प्राप्त होती है उसे हर कार्य में सफलता मिलती है और उसके ज्ञान का विकास होता है।

गणेश विसर्जन क्यों आवश्यक है:-

गणेश विसर्जन जन्म और मृत्यु के चक्र का प्रतीक है। यह व्यक्ति के जीवन चक्र को बतलाता है। यह जीवन की वास्तविकता का जश्न मनाता है। जो इन तथ्यों के इर्द-गिर्द घूमती है। मनुष्य हमेशा मोह माया में उलझा रहता है। और मैं सोचता है। कि हमेशा मैं यहीं रहूंगा परंतु ऐसा नहीं है जिसने पृथ्वी पर जन्म लिया है। उसकी मृत्यु भी निश्चित है। गणेश विसर्जन हमें इसी बात को याद दिलाता है। गणेश विसर्जन इसलिए भी किया जाता है जो भी संकट व्यक्ति भोगता है । गणेश जी वह संकट अपने साथ ले जा लेते हैं और घर में खुशियों को छोड़ जाते हैं इसलिए भी गणेश विसर्जन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी कहां-कहां मनाई जाती है:-

वैसे तो गणेश चतुर्थी भारत के अधिकांश हिस्सों में मनाई जाती है। परंतु कुछ राज्य ऐसे हैं। जो गणेश चतुर्थी को एक त्यौहार की तरह बहुत धूमधाम से मनाते हैं जैसे कि महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा, गोवा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश कर्नाटक और तेलंगना आदि राज्यों में गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है।

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