भारतीय सनातन धर्म में होली का त्यौहार प्राचीन समय से मनाया जा रहा है और वर्तमान समय में होली का त्यौहार देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी मनाया जा रहा है। आजकल होली को मनाने के लिये बहुत सारे संसाधन भी उपलब्ध हैं प्राचीन समय में जितने उपलब्ध न थे। परन्तु उन सन्साधनों का उपयोग हम किस प्रकार कर रहे हैं। आजकल होली व्यक्ति के लिये एक छुट्टी के रूप में प्रदर्शित होती है। तो किसी के लिये मौज-मस्ती के लिये, परन्तु हमने कभी यह सोचा है कि इसका वास्तविक महत्व क्या है? और क्यों है?
मैं होली की तिथि, वार, माह और दिन के बारे में बात नहीं करने वाला क्योंकि ये आपको पता है । अपितु यह बात करने वाला हूँ कि होली आदि त्यौहारों का हमारे जीवन में कुछ महत्व है या नहीं। सिर्फ लड्डू-पेड़े, गुजिया बांटने अथवा अबीर-गुलाल लगाने मात्र ही त्यौहार मनाना है?
वर्तमान जीवन में मनुष्य की दिनचर्या से लेकर उसके व्यवहार तथा पारस्परिक संबधों में कितना उतार-चढ़ाव है। यह सब उसके दैनिक दिनचर्या का एक हिस्सा है और इसके चलते कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लगभग व्यक्तियों का समूह तनाव में रहने लगा है। परन्तु हमारी सामाजिक संस्कृति इतनी शक्तिशाली है कि उसने समय-समय पर हुई घटनाओं को त्यौहारों के रूप में मनाया और आज भी निरन्तर इसका क्रम चल रहा है।
जैसा कि कहा जाता है कि मनुष्य गलतियों का पुतला है तो सीधी सी बात है कि गलती उससे हो जाती है । परन्तु वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि मनुष्य जानबूझकर गलतियाँ कर रहा है। यह एक दुखद समस्या है और इसका हल हम इन्हीं त्यौहारों के माध्यम से निकाल सकते हैं।
आपने, हमने पढ़ा है कि ‘‘होली बुराई पर सच्चाई की जीत है’’ इसलिये हमें चाहिए कि आने वाले होली के त्यौहार में हम अपने मन के जो भी तनावपूर्ण व्यवहार हैं उन्हें हम सही दिशा दिखायें। हम सबने कुछ न कुछ गलतियाँ की हैं तथा किसी व्यक्ति ने हमारे प्रति गलत व्यवहार किया है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि हम उस व्यवहार को एक नये सकारात्मक रास्ते पर लेकर जा सकते हैं।
वह रास्ता हमारे पास ही है, तो चलिये आपने किसी को गलत कहा है तो उससे माफी मांगिये, किसी की गलतियों को मांफ कीजिए, एक दूसरे को सम्मान दीजिए बड़ा हो या छोटा सम्मान का हक सबका है। एक दिन के लिए कम्प्यूटर को छोड़िए, मोबाइल की दुनिया से बाहर निकलिये, बच्चों को होली के बारे में बतायें, बाहर निकलिये अपने घर से और गुलाल की चमक से सबको रोशन कीजिए।
होली का उपसंहार
यही दिन है जो आापके भविष्य में होने वाले परिवर्तनों का आज निर्णय कर सकता है आपके मन को शान्त कर सकता है। बात कीजिए उन सभी पुराने खट्टे व्यवहारों को साफ कीजिए चाहिए सामने माता-पिता, पत्नी, पुत्र, भाई-बहन, मित्र, रिस्तेदार, आपका समाज चाहे कोई अनजाने ही क्यों न हो बात कीजिए इससे आपके मन को जो शान्ति मिलेगी वह एक नया अद्भुत अनुभव होगा।
वास्तव में यही होली है। अपने मन को साफ करें, अच्छा खाना खायें, अच्छे विचारों को फैलायें, अच्छे समाज का निर्माण करें फिर देखते हैं कि कैसे बुराई पर अच्छाई की जीत होगी अर्थात् अवश्य होगी यही होली का वास्तविक महत्व होगा। मित्रों इससे नये सकारात्मक संबधों का निर्माण होगा और वे लोग, समाज और ईश्वर भी सभी परिस्थ्तिियों में हमेशा आपके साथ रहेंगे।
आप सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएँ।