माँ का आशीर्वाद कहानी | Mother Blessings Story Hindi

एक गाँव की बात है कि दो माँ बेटे एक छोटे से घर में रहते थे। उस लड़के के पिता का देहान्त बाल्याकाल की अवस्था में ही हो गया था। दोनों माता पुत्र एक साथ रहते माँ गाँव के छोटे-मोटे कामों को करती तथा उससे जो धन इकट्ठा होता उससे उन दानों का गुजारा चलता।

एक दिन उस लड़के के मन में ये विचार आया कि वह अब कमाने लायक हो चुका है माता अब बूढ़ी होती चली जायेगी । कब तक वह दूसरे के कार्यो को करते हुए धन ला पायेगी । अर्थात् अब धन की जिम्मेदारी उसे ले लेनी चाहिए। इस प्रकार का मन बनाकर वह माता के पास गया और सारी बात बता दी।

माँ ने सोचा विचार तो सही है क्योकि एक न एक दिन तो इसे धन संरक्षण के लिय तैयार होना ही पड़ेगा। माँ न स्वीकृति दे दी। पुत्र ने कहा कि अब वह धन कमाने के लिय शहर जायेगा तो इस बात पर वह थोड़ी चिन्तित हुई पर उसने उसे जाने की लिये कहा।

जाते समय माँ ने रास्ते के लिये कुछ खाना-पीना बाँध दिया और अपने लड़के को देते हुए कहा कि बेटा याद रखना कि मेरा आशीर्वाद तेरे साथ हमेशा रहेगा । दोनों के आँखों में आंसु थे परन्तु कार्य पर जाना ही था, लड़का चल दिया। शहर पहुंचते ही देखता है तो बड़े-बड़े महल, गाड़ियाँ, रास्ते, दुकानें आदि सब चकाचैंध से भरे पड़े थे। उसकी समझ से सब परे था । अब समस्या रात रहने की थी और नौकरी की तलाश की भी थी।

चलो आगे चलते हैं माँ ने कहा था कि उसका आशीर्वाद उसके साथ है यह बात उसे हमेशा याद थी। और इस बात को ही याद करते हुए वह आगे बड़ जाता। साम हुई सूर्यदेव अस्त हो गये सभी लोग अपने-अपने घर को चल दिये। दुकानें बन्द हो गयी सब चकाचैंध गायब हो गयी ।  मानों किसी जंगल में आ गये, चारों ओर सन्नाटा छा गया। किधर जायें कहाँ खाना, कहाँ सोना कुछ नहीं पता ।

ये सब सोच ही रहा था कि एक व्यक्ति हाथ में लठ्ठी लिये वहाँ से जा रहा था। और उसने लड़के से पूछा, अरे लड़के कौन है तू यहाँ क्या कर रहा है? लड़का थोड़ा डर गया उस आदमी की आवाज में दम था तेज था। मैं यहाँ का चैकीदार हूँ कौन है तू? यहाँ क्या कर रहा? फिर पूछ रहा हूँ क्या है तेरे पास?। लड़का धीमे स्वर में बोला ‘‘माँ का आशीर्वाद’’, व्यक्ति कुछ समझा नहीं उसके पास गया  और सारी बात पूछी लड़के ने सारी बात एक-एक शब्द बता दिया।

व्यक्ति उसे अपने साथ ले गया और खाना दिया । गली के छोर पर उसकी एक छोटी से झोपड़ी थी। आराम करने के लिये स्थान दिया। व्यक्ति को उस लड़के की बातों पर विश्वास हो गया और वह उसके व्यवहारिक लक्षणों को देखकर उस लड़के के प्रति दया आ गई और उसके पास कई गलियों की चैकीदारी की व्यवस्था थी। उसने लड़के को एक गली का कार्यभार दे दिया।

 अब लड़के के पास नौकरी की व्यवस्था हो गई धीरे-धीरे उसका काम देखते हुए शहर की और गलियों के प्रस्ताव आने लगे ऐसा होने से अब उसके पास एक क्षेत्र विशेष की सम्पूर्ण व्यवस्था हो गई । क्योंकि माँ का आशीर्वाद जो उसके साथ था। दिन, माह, वर्ष हो गया और एक दिन रात के समय उसे अपनी माँ की याद आने लगी। दूसरे दिन उसने अपने मालिक को कुछ दिनों का अवकाश देने की प्रार्थना की, आखिरकार एक वर्ष से निरन्तर कार्य कर रहा था ।  तो अवकाश मिल गया। दूसरे ही दिन अपने गाँव के लिय निकल पड़ा।

जब घर पहुँचा तो देखा कि घर तो खंडहर हो चुका है न पानी, न खाना, घर  में मकड़ी के जाले लगे हुए हैं, घर की छत टूटी हुई है। ये क्या हो गया? कहाँ गई माँ? शायद किसी पडोसी मित्र के साथ रहने लगी होगी, हो सकता है?, हो सकता है?, हो सकता है? कई विचार मन में आने लगे माँ का पता नहीं, गाँव के किसी व्यक्ति को पूछने गया। उन्होंने बताया कि उनका तीन महीने पहले स्वर्गवास हो गया । पडोसी तुम यहाँ नहीं थे तो हम लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया।

गठड़ी हाथ से छूट गई लड़का जमीन पर गिर पड़ा ये कैसे हो गया? माँ कैसे, रोने लगा धन कमाने के चक्कर में तुझे देख न पाया, जीवन भर मेरी देखभाल की तेरी देखभाल न कर पाया, शोक व्याकुल हो गया। क्या करुँ, कहाँ जाऊँ? किस काम का है ये धन जब माँ न रही परन्तु जब वह थोड़ा शान्त चित्त होता तो सिर्फ एक ही बात उसके कानों में गूँज रही थी कि ‘‘बेटा मेरा आशीर्वाद हमेशा तेर साथ रहेगा।’’

मित्रों आज 8 मार्च महिला दिवस को समर्पित ये कहानी उन सभी व्यक्तियों के लिये जो महिला को सिर्फ उपभोग की वस्तु मानते हैं और उनका सम्मान नहीं करते। याद रखिये महिला का इस संसार की रचना में महत्वपूर्ण स्थान है जिस प्रकार बीज को पेड़ बनने के लिये मिट्टी की आवश्यकता होती है उसी प्रकार संसार को आगे बढ़ने के लिये महिला की आवश्यकता पड़ती है बिना मिट्टी के बीज का कोई अस्तित्व नहीं है और ये संसार को गति प्रदान करती है। इसलिए हमें चाहिए कि हम नारी का सम्मान करें वह जिस किसी रूप में हो उसे उसका सम्पूर्ण सम्मान स्थापित होना चाहिए और समाज में आगे बढ़ें। हमारे इतिहास और वर्तमान की उन सभी वीरांगनाओं (महिलाओं) को समर्पित जो हमारे लिय प्रेरणास्रोत हैं।

महिला दिवस की ढेरों शुभकामनाएँ

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1 thought on “माँ का आशीर्वाद कहानी | Mother Blessings Story Hindi”

  1. बहुत ही सुन्दर कहानी आपने समाज को प्रदान की है । महिला वास्तव में हमारी माँ बेहेन बेटी बहु पत्नी सब कुछ है जो समय समय पर अपने वात्सल्य को प्रदान करती रहती है । महिला के बिना पुरुष का कोई अस्तित्व नहीं है ।।।।

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