सही समय कौन सा है | Which is The Right Time Hindi

एक बार  एक शिष्य ने अपने गुरु से जीवन जीने का सही समय पूछा। तब वह शिष्य को अपने साथ ले गये और दूर तक चलने के बाद नदी के किनारे आम रास्ते पर बैठ गये। काफी समय बीत गया लेकिन वह गये नही।

अब शिष्य से रहा नही गया और उसने गुरु से पुछा आप यहां नदी के किनारे बैठकर इतने देर से क्या कर रहे हो।

गुरु ने कहा में नदी के खत्म होने का इंतजार कर रहा हूँ । जब यह बहकर खत्म हो जायेगी तब हम पार चले जायेगे।

फिर वह शिष्य कहने लगा आप यह कैसी बहकी बहकी बाते कर रहे हो । फिर तो हम कभी भी इस नदी को पार नही कर पायेगे।

फिर गुरु ने शिष्य से कहा यही में तुम्हे समझाने का प्रयास कर रहा हूं। जीवन में वर्तमान से बढकर सही समय और कोई नही होता । मनुष्य सारे जीवन भर जिम्मेदारियों के कारण कल पर बात टालता रहता है। यह कार्य खत्म हो जाये तो तब में वह काम कर लूंगा और हर बार वह जिम्मेदारियों का बहाना बनाकर इंतजार करता रहता है।

हमे सदा जीवन में पानी में जाकर ही नदी को पार करना होता है या उस पर पुल बनाना होता है। सही समय होता नही  बनाया जाता है। वर्तमान में घटित होन वाला हर पल ही श्रेष्ठ है।

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