ल्यूकोरिया के मुख्य लक्षण | कारण | नियम | योगासन | आहार

लुकोरिया- ल्यूकोरिया स्त्रियों से संबंधित रोग है। यह बहुत ही आम समस्या है। इसे श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह हड्डियों के गलने से होता है। यह मुख्यत 30 की उम्र के बाद स्त्रियों में होता है। डिलीवरी के बाद यह ज्यादा होता है। योनि स्राव योनि मैं नमी रखने का काम करता है। लेकिन जब यह ज्यादा बढ़ जाता है तो ल्यूकोरिया कहलाता है। इसे योनि संक्रमण भी कहते हैं। लिकोरिया बढ़ जाने पर कई महिलाओं को लगातार सैनिटरी नैपकिन पहनने पड़ते हैं। इसीलिए महिलाओं को कैल्शियम युक्त चीजें ज्यादा खाने की सलाह दी जाती है।

ल्यूकोरिया के लक्षण-

  1. ज्यादा कमर दर्द होना।
  2. हाथ पैरों में दर्द होना।
  3. पेट में अक्सर भारीपन रहना।
  4. मूत्र त्याग की इच्छा ना हो ना।
  5. हड्डियों में दर्द होना।
  6. कमर में हमेशा दर्द रहना।
  7. अत्यधिक श्वेत स्राव होना।

ल्यूकोरिया के विशेष कारण-

  1. विशेषकर यह रोग हड्डियों के गलने से होता है।
  2. महिलाओं में कमजोरी हो जाने के कारण भी यह होता है।
  3. अत्यधिक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी यह समस्या होती है।
  4. गर्भावस्था के बाद हड्डियां कमजोर होने पर भी यह बढ़ जाता है।
  5. स्त्रियों को अत्यधिक तनाव होने के कारण भी यह समस्या होती है।
  6. उचित निद्रा न लेने के कारण
  7. भोजन में कैल्शियम युक्त पदार्थ न लेने
  8. शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण यह समस्या होती है
  9. यह हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण भी होती है।

आचरण संबंधी नियम-

लिकोरिया में सबसे पहले स्त्रियों को साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। संक्रमण से बचने के लिए उन्हें अपनी स्वच्छता का ख्याल रखना चाहिए और अपने मन को भी अच्छा रखना चाहिए। मल त्याग करते समय आरामदायक अवस्था में बैठे। इससे अच्छी तरीके से पेट की साफ सफाई हो सकती है । हमेशा कपड़े ढीले ढाले ही पहने । अत्यधिक टाइट कपड़े ना पहने । वसा युक्त पदार्थों का सेवन न करें। सूती वस्त्र पहने। हमेशा वस्त्रों को बदलें और मासिक धर्म के बाद स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

ल्यूकोरिया के लिए आसन – शारीरिक व्यायाम अवश्य करें। आसन करें जैसे- सूर्य नमस्कार 10 से 12 बार, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन, वज्रासन, शशांक आसन, माजरी आसन, भुजंगासन, विपरीत करनी मुद्रा, उत्तानपादासन, तितली आसन, इत्यादि आसनों का अभ्यास शरीर के लिए लाभदायक है।

ल्यूकोरिया के लिए प्राणायाम – निम्न लिखित प्राणायाम कर सकते हैं – जैसे नाड़ी शुद्धि, उज्जाई, शीतली ,शीतकारी, ध्यान का अभ्यास अवश्य करें इससे मानसिक शांति मिलती है।

ल्यूकोरिया के लिए आहार- आहार में कैल्शियम युक्त पदार्थ ग्रहण करें। क्योंकि ल्यूकोरिया कैल्शियम की कमी के कारण होता है। वसायुक्त पदार्थ ना ग्रहण करें। संतुलित भोजन ग्रहण करें। समय पर भोजन करें। पनीर, दूध ,दही ,पालक, हरी सब्जियां ,फल जैसे- नाशपाती ,सेब, अनार आदि ग्रहण करें।