Yoga action for Eyes to Remove Glasses in Hindi

Yoga for Eyes to Remove Glasses in Hindi :आँखें (eyes) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है । आँखों के बिना जीवन अधुरा सा लगता है । और यदि हमारी आँखों से दिखना कम हो जाए तो, हमें देखने, पढ़ने के लिए ग्लासेज का प्रयोग करना पढता है । धिरे धिरे यह नंबर बढ़ता ही जाता है, और इसके बाद अंत में बहुत मुश्किल हो जाती है । इसलिए यदि समय रहते अपनी दिनचर्या में बदलाव कर लिया जाय और कुछ योग क्रियाओं को अपना लिया जाय । तो अच्छे परिणाम देखने को आते है ।

एक योग शिक्षक होने के नाते में  आपको इस पोस्ट में आँखों से योग के माध्यम से ग्लास कैसे हटेगा yoga for eyes to remove glasses in hindi , आंख के रोगों में योग चिकित्सा, आँखों के लिए योग, आंख के रोगों में योग चिकित्सा, आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए, चश्मा उतारने के लिए योग के बारे में कुछ बाते और क्रिया (टेक्नीक) बताउगा । यदि आप इसका ईमानदारी से पालन करेगे तो अवश्य ही आपका चश्मा उतर जायेगा तो दोस्तों सबसे पहली तकनीक है

Yoga for Eyes to Remove Glasses in Hindi-

1- जल नेति –  नेति क्रिया आँखों के लिए एक सबसे आसान और उतम क्रिया है। इसको  ई एन टी. केयर नाम से भी जानते है।  इसे करने से हमारी नासिका के भीतर की सफाई हो जाती है । दृष्टि दोष से सम्बंधित सभी रोग ठीक होनें लग जाते है।  

बहुत बार गरमी के दिनों में  नाक दुख जाती है और जलन जैसा अनुभव होने लगता है । अर्थात् नासिका के भीतर श्लेष्मा बना हुआ है, वह सूख जाता है, जिसके कारण गरम वायु से जलन उत्पन्न होने लगती है । इस क्षेत्र को पार करने के लिए वायु सायनस से होकर जाती है । इस क्षेत्र मे बहुत-सी सूक्ष्म नाडियाँ  हैँ। इनमें से कुछ नाड़ियो का सम्बन्ध आँखों के साथ तथा कुछ का कानों के साथ रहता है और कुछ नाड़ियां , मस्तिष्क के भीतर जाती हैं। ये नाड़ि समूह सायनस से जुड़े रहते हैं।

आपने अनुभव किया होगा कि बहुत बार जब नाक बन्द हो जाती है, तब आँखों में भी भारीपन का अनुभव होता है। कान भी बन्द से हो जाते हैं और मस्तिष्क मे भी भारीपन लगता है। सामान्य रूप से जब श्लेष्मा भीतर जमा होता है, तब हम उसे निकाल देते हैं । साथ ही श्लेष्मा में जो धूल के कण लगे हैं, वे भी बाहर आ जाते हैँ ।

अगर आप ऐसे स्थान में हों जहाँ वातावरण में बहुत अधिक गन्दगी हो, वायुमण्डल प्रदूषित हो, वायु अशुद्ध हो, तो उस अवस्था में बहुत बार सिर में भारीपन का अनुभव, दर्द का अनुभव होता है आँखें लाल हो जाती हैं।  उनसे पानी निकलने लगता है और थोडा पढने पर ही आखो में जलन होने लगती है I इसका अर्थ यह हुआ कि आँखों, कानो  एव  सिर के भारीपन का सम्बन्थ केवल बाहर की गरमी से नहीं, बल्कि श्वास की गर्मी से भी होता है ।

ऐसी अवस्था और ऐसे स्थान में यदि जल नेति का अभ्यास कराया जाता है, तो तत्काल राहत मिलती है । यह क्रिया आँखों की नसों में जमी गन्दगी साफ़ करने में सहायता करती है और इससे कही तरह के दृष्टि दोष ठीक होने लग जाते है।   

निचे दिए लिंक पर आप जल नेति की विधि लाभ विस्तार से पढ़ सकते है ।     

नेति दो प्रकार की होती है १ जल नेति  २ सूत्र नेति – (रबर नेति)

2 – त्राटक – प्राचीन समय में इसे एकाग्रता बढाने के लिए किया जाता था। लेकिन वर्तमान समय में मनुष्य की एकाग्रता के साथ आँखे भी कमजोर हो गयी है। इस तकनीक का प्रभाव सीधे हमारी आँखों पर पड़ता है।यह एक बिंदु पर देखने की तकनीक है । इसे आप किसी मोमबती या दीपक जलाकर कर सकते है । यदि आपके पास यह भी ना हो तो आप किसी एक बिंदु पर का प्रयोग कर सकते है ।

इसमें आप को लगातार मोमबती या जलती लो को एकटक देखना है पलके ना झपके यह कोशिश कंरनी है और जब तक आँखों से आसूं ना आये देखते रहना है इसके बाद आँखें बंद करके इस लौ को बंद आँखों से देखने का प्रयास करना है अधिक से अधिक 5 मिनट तक करे ।

 नोट  कृपया अपने चश्मे (ग्लासेस) उतारकर इस क्रिया को करे

3 – पलके झपकाना – लगातार अपनी पलको को झपकाना है  यानी कम से कम बीस बार अपनी आँखों को खोलना और बंद करना है इसके बाद आपको अपनी आंखो में आराम महसूस होगा यह क्रिया प्रत्येक दिन 5 से 10 बार करे ।

4 – उगते सूरज को बंद आँखों से देखना – जब सूर्य उदय होता है तो उस समय कही लाभकारी किरणों का आगमन भी होता है । जो हमारे शरीर और आँखों के लिये अति लाभकारी है । यदि इस समय हम आँखे बंद करके अपनी आँखों को सूर्य का प्रकाश दें तो आँखों को बहुत लाभ होता है । कम से कम 5 मिनट अवश्य करे  ।

5 – मसाज – अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ कर अपनी आँखों पर रखे। दो से तीन बार ऐसा करे। इसके बाद एक बार हथेलियों को आपस में रगड़े और अपनी आँखों पर रख कर गोल गोल एक बार सीधे और एक बार उल्टी और घुमायें। यह सरल और सहज है । लगातार काम करने की वजह से आँखों को आराम नहीं मिलता है। इस क्रिया का इन पर काफी असर होता है।

6- योग-  आप योग आभ्यास जरुर शुरु करे । कही कारणों से हम तनाव, अनिद्रा, थकान, आदि का शिकार हो जाते है जिसका असर हमारे शरीर के साथ साथ हमारे दिमाग, आँखों पर भी होता है, इसलिए योग अवश्य अपनायें।

7- प्राणायाम – प्राणायाम का सीधा असर हमारे दिमाग पर होता है जिस से कही रोग दूर हो जाते है । यह हमारी प्राण उर्जा को बहुत बढ़ा देता है । मरी हुयी सेल्स को यह फिर से जीवित कर देता है आँखों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है इसलिए नाड़ी शोधन, कपालभाती, भ्रामरी, भस्त्रिका उज्जायी अवश्य अपनायें।

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