उगता सूरज और प्रकृति का मनोहारी रूप

सुबह की ये किरण आयी की इसने मेरे कण कण को भाव विभोर कर दिया। ऐसा लगा मनो प्रकृति ने सारी धरती को अपनी गोद में ले लिया। ये सुन्दर और प्यारे से पंछीयो ने अपनी चह चहाट से इसमें चार चाँद लगा दिया।

इस मन हरने वाले दृष्य को देखकर हर किसी का ह्दय इसमें भाव विभोर हो सकता है। जीवन में आ रहे उतार चढ़ाव को कभी भूलकर सुबह के इन मनोहारी दृश्यो को कभी शात होकर अपनी आँखे बंद कर के तो देखो ये धरती बहुत सुन्दर लगने लगेगी।

सुन्दर पंछियो की ये आवाजे अंदर तक आपको शांति देगी व एक नयी ऊर्जा से रोमांचित कर कर देगी। प्रकृति तो हर रोज ऐसे ही न जाने कितने सुन्दर दृश्यो का निर्माण करती है। लेकिन वो हम मनुष्य ही है जो वास्तविकता को ना देखकर बेकार की बातो में खोये रहते है।

ये पंछी तो हर रोज प्रकृति के साथ मग्न होकर अपना काम करते है। और अपने सुन्दर गीत् हमें सुनाते है। लेकिन वो हम ही है जो अपना ध्यान कही और ही लगाये होते है। जीवन के वास्तविक सुख को न देखकर क्षणिक सुख की और अपना ध्यान लगाये होते है। कभी दिल से देखकर तो देखो दुनिया बहुत सुहावनी लगने लगेगी।

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