जिस प्रकार से अगर आप कोई चीज आसमान की और उछालते है तो वह वापस जमीन पर आ जाती है। इसी प्रकार प्रकृति ने भी इन्सान के लिये कुछ नियम बनाये। यदि हम अच्छाई करेगे तो अच्छाई और बुराई करेगे तो बुराई हम तक वापस लौटकर आती है। यही ऊपर वाले का नियम भी है लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात को समझ पाते है और जीवन भर बुराई, द्वेष और ईष्या का दामन थामे रहते है।
आज आप इसी पर आधारित एक कहानी यहाँ पढेगे, जिससे आप कुछ न कुछ सीख अवश्य लेंगे।
विमला रोज अपने घर के लोगो के लिये खाना पकाती। वह रोज एक रोटी ज्यादा बनाती थी। वह उस रोटी को खिडकी के पास बहार से रख दिया करती थी। उस रोटी को रोज एक बुढा व्यक्ति उठाकर ले जाया करता था। और जब वह जाता तो वह रोज बोलकर जाता – “जो तुम बुराई करोगे वह तुम्हारे पास रहेगी और जो तुम अच्छाई करोगो वह तुम्हारे पास लौटकर अवश्य आयेगी” और यह बडबडाते हुये चला जाता।
इसी तरह काफी समय तक वह बुढा व्यक्ति वहां से रोटी उठाता रहा। और वापसी में वही बाते दोहराकर जाता रहा। लेकिन विमला कभी उसकी बातो का अर्थ नही समझ पायी। अब वह उससे तंग आने लगी वह सोचती बजाय दुआ देने के वह बुढा व्यक्ति उल्टा सुल्टा बोलकर चला जाता है।
एक दिन क्रोध में आकर उसने इस बुढे व्यक्ति से निजात पाने की सोची। अब उसने उस दिन उस रोटी में जहर मिला दिया। और वही खिडकी के ऊपर रखने जा रही थी । तभी उसके अन्तर मन से आवाज आयी की विमला तुम यह क्या कर रही हो। अपने अन्दर से आयी उस अच्छाई की बात से विमला के हाथ कांपने लगे और उसने जल्दी से उस रोटी को चूल्हे में जला दिया ।
और सोचने लगी है ईश्वर इतने दिनो से मैं यहां एक रोटी रख रही हूं लेकिन आज मैं ये यह क्या करने जा रही थी।
फिर उसने एक और रोटी बनाकर वही खिडकी के सहारे रख दी। कुछ देर के बाद वही बुढा व्यक्ति आया और रोटी लेकर रोज की तरह अपनी बाते दोहारकर चला गया।
विमला जब भी उस खिडकी पर रोटी रखती तो वह रोज अपने बेटे की सलामती की दुवा मांगती। जो कही महिनो से अपने करीयर को बनाने के लिये घर से बहार गया था।
उसी दिन शाम को अचानक से कोई दरवाजा खटखटाता है और जब विमला दरवाज खोलती है तो वह दरवाजे पर अपने बेटे रामू को पाती है। लेकिन रामू की हालत काफी खराब दिख रही होती है। वह काफी कमजोर और भुखा लग रहा होता है । उसके कपडे भी फटे हुये होते है। फिर वह अपनी मां को सारी बाते बताते हुये कहता है कि मां आज जब में यहाँ से कुछ किलोमिटर की दूरी पर रेलवे स्टेशन के पास पडा था। कही दिनो से भुखा होने के कारण से मेरी हालत काफी खराब थी तभी मुझे एक बुढे व्यक्ति ने एक रोटी दी और कहा आज मुझसे कही ज्यादा इस रोटी की जरुरत तुम्हे है। और बडबडाने लगा जो तुम बुराई करोगे वह तुम्हारे पास रहेगी और जो तुम अच्छाई करोगो वह तुम्हारे पास लौटकर अवश्य आयेगी।
विमला को समझने में देरी नही लगी की यह बुढा कौन है। और उसे एक जोर का झटका लगा और वह सर पकड कर नीचे बैठ गयी व सुबह वाली बात याद करने लगी कि कैसे उसने रोटी में जहर मिलाया था। अगर उसने वह रोटी जलायी नही होती तो उसका ही बेटा उसके कारण से मर जाता ।
अब उसको उस बुढे व्यक्ति कि बातो का अर्थ पुरी तरह से समझ में आ गया था ।
जो तुम बुराई करोगे वह तुम्हारे पास रहेगी और जो तुम अच्छाई करोगो वह तुम्हारे पास लौटकर अवश्य आयेगी
इसलिये दोस्तो हमेशा अच्छाई का दामन थामा करें।
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