आधुनिक समय में योग की बहुत अधिक आवश्यकता है। परंतु प्रश्न यह उठता है कि यदि व्यक्ति स्वस्थ है तो क्या उसे योग अभ्यास करना चाहिए। सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि स्वस्थ व्यक्ति कौन है? जो व्यक्ति शरीर से तंदुरुस्त है। क्या उसे हम स्वस्थ कह सकते हैं? नहीं ऐसा नहीं है आयुर्वेदाचार्य ने बड़े ही सरल शब्दों में इसकी परिभाषा दी है।
स्वास्थ्य की परिभाषा :
“स्वस्थ पुरुष वह है जो शरीर से स्वस्थ हो। जिसका मन प्रसन्न हो । जिसकी सभी इंद्रियां नियंत्रित हो एवं सभी दोष, धातुएं, मल समान अवस्था में हो । वह व्यक्ति पूर्णता स्वस्थ है। ” उसे भी अपने दैनिक कार्यक्रम में योग को शामिल करना चाहिए । योग करने से शारीरिक, मानसिक सामाजिक एवं आध्यात्मिकता का विकास होता है।
इसलिए योग करने से पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि व्यक्ति प्रतिदिन योगाभ्यास करता है तो उसे अपने जीवन में निश्चय ही परिवर्तन होता दिखाई देगा और इससे जल्द ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। जिनका शरीर स्वस्थ है उन्हें मानसिक भावनात्मक संतुलन एवं उत्थान के लिए प्रयास करना चाहिए। साथ में यह प्रयास भी करना चाहिए कि वह स्वस्थ रहे किसी भी प्रकार की बीमारी ना आए।
स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करें। खाने पीने में विशेष ध्यान दें। सुबह श्याम टहलने के लिए जाएं। समय पर भोजन करें।तनाव मुक्त रहने के लिए ध्यान, तथा ओमकार का नियमित उच्चारण करें। योगाभ्यास किसी योग्य शिक्षक के साथ मिलकर करें।