रक्त समूह Blood Group
- ब्लड ग्रुप की खोज लैंड स्टिनर एंड विनर ने की थी ।
- ब्लड को दो भागों में बांटा जाता है ।
- एक होता है लिक्विड वाला भाग जिसे प्लाज्मा कहा जाता है ।
- दुसरा होता है कार्पल्स ।
- प्लाज्मा में एक एंटीबॉडी प्रोटीन होता है उसे A और B से दर्शाया जाता है ।
- इसमें दो प्रकार के ऐन्टीजन होते हैं । A और B एंटीबॉडी प्लाज्मा में पाए जाते है जिसमें आरबीसी तैरती रही है।
- और बीसी का आकार गोल होता है इस आरबीसी के बाहर एक एन्टीजन प्रोटीन पाया जाता है।
- जिसे A से दर्शाते है यही एंटीजन ग्रुप का निर्धारण करते हैं जिसमें A के समान संरचना बनी रहती है।
- वह ब्लड ग्रुप A हो जाएगा ।
Blood Group B का निर्धारण
अगर आरबीसी के चारों ओर हाफ B या curv के आकार की संरचना दिखाई देती है तो वह ब्लड ग्रुप B निर्धारित किया जाता है।
इसमें एंटीजन B हो, तो एंटीबॉडी A हो जाएगा अर्थात जिसका ब्लड ग्रुप B होता है उसमें A एंटीबॉडी उपस्थित होते हैं ।
ब्लड ग्रुप AB (एबी) का निर्धारण
अगर आरबीसी के चारों ओर एक संरचना एक ही आकार की और दूसरी संरचना हाप इ के आकार की दिखाई देती है तो ब्लड ग्रुप एबी निर्धारित किया जाएगा इसमें एक भी एंटीबॉडी नहीं होते यानी जिन का ब्लड ग्रुप एबी होता है उनके शरीर में एंटीबॉडी उपस्थित नहीं होते इसलिए एबी ब्लड ग्रुप वाले ज्यादातर बीमार रहते हैं उनके शरीर में रोग पनपते रहते हैं और रोग ज्यादा देर तक भी टिके रहते हैं यानी जल्दी से ठीक नहीं हो पाते ।
ब्लड ग्रुप O (ओ) का निर्धारण
जब आरबीसी के चारों ओर कोई भी संरचना नहीं पाई जाती तो ब्लड ग्रुप ओ निर्धारित किया जाता है इसमें ए और बी दोनों एंटीबॉडी पाए जाते हैं इसलिए वह ब्लड ग्रुप वाला व्यक्ति जल्दी से बीमार नहीं होता और अगर किसी कारण कोई बीमारी हो ही जाती है तो उसके शरीर में दो एंटीबॉडी की उपस्थिति के कारण बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है ।
नोट – ब्लड ग्रुप एबी वाले के पास कोई एंटीबॉडी नहीं होती इसलिए इस ग्रुप के व्यक्ति कुछ ज्यादा ही बीमार होते हैं परंतु एबी जिनका ब्लड ग्रुप होता है वह किसी भी ब्लड ग्रुप वाले का ब्लड ले सकते हैं यानी यह सर्वग्राही होते हैं और जिन का ब्लड ग्रुप ओ होता है वह किसी भी ब्लड ग्रुप वाले को अपना ब्लड दे सकते हैं यानी वह सर्व दाता होते हैं वह ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति के शरीर में और भी दोनों एंटीबॉडी उपस्थित रहती है इसलिए वह जल्दी से बीमार नहीं पड़ते ।
RH फैक्टर
विनर ने कुछ बंदरों पर रिसर्च की उन्होंने देखा कि कुछ बंदरों का ब्लड है कुछ बंदरों का ब्लड ग्रुप भी है अचानक उन्होंने इनके ब्लड ग्रुप में एक जोक और सी आकृति दिखाई दी यह देखकर विनर कंफ्यूज हो गए उन्होंने ढेर सारे बंदरों का ब्लड ग्रुप देखा उन्होंने देखा कि कुछ बंदरों में यह चौकोर वाली आकृति है कुछ भी नहीं है तो बायोलॉजी में क्या होता है कि जिस में कोई चीज उपस्थित होती है उसे पॉजिटिव माना जाता है ।
और इसमें कोई चीज उपस्थित नहीं होती उसे नो नेगेटिव माना जाता है उन्होंने देखा कि जिन मंदिरों में यह चौकोर संरचना थी वह पॉजिटिवऔर जिनमें यह चोकोर संरचना नहीं थी उन्हें नेगेटिव कहा गया इसी प्रकार हमारे ब्लड ग्रुप में भी ऐसा ही होता है जिसके चारों तरफ एक के साथ अगर चौकोर संरचना भी होती है तो उसे पॉजिटिव कहा जाता है अगर चोकोर संरचना नहीं होती तो उसे नेगेटिव माना जाता है।