बाल झड़ने के लिए योग | Yoga for Hair Fall Hindi

बाल झड़ने के लिए योग : यदि आपके भी बाल झड़ रहे हैं और आप इससे बहुत परेशान है और अपने बालों को झड़ने से रोकना चाहते हैं तो योग इसके लिए एक बेहतर विकल्प है। योग से आप इस समस्या को जड़ से मिटा सकते है । ऐसे बहुत से योगाभ्यास है जिनको करने से हमारा शरीर स्वस्थ तो होता ही है लेकिन साथ ही साथ यह हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ कर देते हैं । जिस से हमारे बालों को अच्छा पोषण मिलता है और बाल झड़ने बंद हो जाते है और पुनः नए स्वस्थ बाल उगने लग जाते है।

सबसे पहले जानते हैं सिर के बाल क्यों झड़ते हैं सिर के बाल इसलिए झड़ते हैं कि उनको पूर्णतःपोषण नहीं मिल पाता है। हमारी कार्यशैली, उठने बैठने और खान पान या फिर किसी असाध्य रोग के कारण सिर की ओर खून की सप्लाई अच्छे से नहीं हो पाती है। जिसके फलस्वरूप हमारे सिर में कमजोरी आ जाती है। बालों को पूर्णता पोषण नहीं मिल पाता है फिर बाल झड़ने, और कमजोर होने लग जाते। आइए जानते हैं कुछ योगाभ्यास जिनके माध्यम से आपके सिर को पूर्ण पोषण मिलेगा और बाल झड़ने कम हो जाएंगे।

सर्वांगासन

सर्वांगासन
  • सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले अपनी योग मेट पर कमर के बल लेट जाइए।
  • अपने हाथ अपने नितंब के बगल में रखे।
  • हथेलियां नीचे की और रहे।
  • इसके बाद धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाये और 30 डिग्री तक उठाए फिर 45, फिर 90 और फिर सिर के पीछे हलासन में लेकर जाए।
  • उंसके बाद अपने हाथों को कोहनी से मोड़े और उंगलियों से अपने कमर पर सपोर्ट लगाए और धीरे धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
  • धीरे धीरे से अपने नितंबों पर दबाव डाले और शरीर को बिल्कुल सीधा कर दे।
  • पैरो की उंगलियां नीचे की और ताने नकी ऊपर की और।
  • अंतिम स्थिति में ठुडी वक्ष से टच रहेगी।
  • कुछ देर इसी आसन में अपनी क्षमता अनुसार टिके रहे।
  • 5 मिनिट तक आप इस आसन में रह सकते है।
  • फिर धीरे धीरे जिस प्रकार आप ऊपर गए थे। उसी प्रकार नीचे आएंगे। सबसे पहले अपने पैरों को अपने सिर के पीछे ले आए। उसके बाद अपने नितंब वाले भाग को धीरे धीरे जमीन पर टिका दे। फिर पैरों को 90 डिग्री पर लेकर आए हथेलियों को नीचे की तरफ कर दें और फिर पैरो को 45 डिग्री फिर 30 डिग्री फिर धीरे से अपने पैरों को जमीन पर रखे और इसके बाद मत्स्य आसन करें।

पर्वतासन

पर्वत आसान करने के लिए अपने मेट पर खड़े हो जाये और फिर दोनों हाथों को नीचे जमीन पर रख दे, यदि जमीन पर रखने में दिक्कत हो तो घुटने मोड़कर रखे और फिर एक एक पैर करके अपने दोनों पैरों को पीछे लेकर जाए। और अपने पैर और नितंब को ऊपर की और उठाये।  आपके हाथ जमीन से लगे हुये और बिल्कुल सीधे रहेंगे। सिर हाथों के बीच मे रहेगा।
और पैर भी बिल्कुल सीधे रहेंगे

पादहस्तासन

  • दोनों हाथ की भुजाओ को सिर के ऊपर उठाकर उनको ऊपर की और खींचे फिर । हाथों के बीच कंधो के जितनी चौड़ाई रहेगी।
  • उंसके बाद सिर भुजा धड़ को थोड़ा पीछे की और झुकाए । सांस लेकर रखे।
  • इसके बाद सामने की और झुक जाए। और अपनी उंगलियो और हथेलियों को पंजो के बगल में जमीन में रखने का प्रयास करे।
  • यदि हथेलियां जमीन में नही लग रही तो सुरुवात में आप घुटने मोड़ सकते है।

चक्रासन

Chakrasana
  • कमर के बल लेट जाएं और अपने पैरों को घुटने से मोड़ दे।
  • दोनों एड़ियों के मध्य लगभग 1 हाथ का अंतर रहे।
  • एड़ियों को नितंब से लगाने का प्रयास करे।
  • हाथों को मोड़कर हथेलियो को कान के पास रखें।
  • अब हाथों, पैर, थाई, पंजे से जोर लगाते हुए शरीर को ऊपर उठाएं।
  • शरीर को धनुष समान बनाये।
  • यदि संभव हो तो हाथों धीरे धीरे थोड़ा पैर की और ले जाये।
  • हाथों और पैरो को जितना हो सके सीधा करने की कोशिश करें।
  • अपने घुटनों को और अधिक सीधा करने का प्रयास करे।
  • अपने सिर को अंदर की ओर रखे।
  • जितनी देर संभव हो यही पर संतुलन बना कर रहे।
  • धीरे धीरे वापस आ जाये।

शीर्षासन

आसन या कंबल फोल्ड करके बिछा ले।

1 : सर्वप्रथम वज्रासन में बैठ जायें । आँखों को बन्द करके सारे शरीर को ढीला छोड़ दें । कुछ मिनटों के बाद आँखें खोल कर आगे झुकें और उँगलियों को आपस में फँसा कर भुजाओं के अग्र भाग को तह किये हुए कम्बल पर और कोहनियों को घुटनों के सामने रखें ।

कोहनियों के बीच की दूरी प्रत्येक कोहनी से आपस में फँसी हुई उँगलियों की दूरी के बराबर होनी चाहिए । इससे समबाहु त्रिभुज जैसी आकृति निर्मित होगी । सिर के शीर्ष को आपस में फँसी हुई उँगलियों के बीच कम्बल पर रखें । दृढ़ अवलम्ब प्रदान करने के लिए सिर को हाथों से लपेट लें ताकि दबाव पड़ने पर वह पीछे की ओर न लुढ़के ।

2 : घुटनों और नितम्बों को जमीन से ऊपर उठा लें और पैरों को सीधा कर लें ।

3 :धीरे – धीरे पंजों को आगे बढ़ाते हुए धड़ और सिर के अधिक – से अधिक निकट ले आयें और पीठ को क्रमश : लम्बवत् स्थिति में ले आयें । घुटनों को थोड़ा मोड़ें , जाँघों से उदर और वक्ष के निचले भाग को दबायें । दृढ़ संतुलन बनाये रखते हुए शरीर के भार को धीरे – धीरे पैरों की उँगलियों से हटाकर सिर और भुजाओं पर ले आयें । एक पंजे को जमीन से लगभग 20 से . मी . ऊपर उठायें , सावधानीपूर्वक सन्तुलन बना लें और तब दूसरा पंजा उठायें और सिर एवं भुजाओं पर सन्तुलन स्थापित करें ।
4 : घुटनों को मोड़कर नियन्त्रित गति से पिण्डलियों को धीरे – धीरे ऊपर उठायें । पैरों के भार को सन्तुलित करने के लिए धड़ की स्थिति को थोड़ा व्यवस्थित कर लें । पैरों को पीछे मोड़ लें , ताकि एड़ियाँ नितम्बों की ओर आ जायें । इस गति को सरल बनाने के लिए पीठ के निचले भाग की पेशियों को संकुचित करें । अब दोनों पैर एक साथ और घुटने नीचे की ओर रहेंगे । इस स्थिति में कुछ क्षणों तक रुकें और आगे बढ़ने के पहले सम्पूर्ण सन्तुलन के प्रति सजग हो जायें ।

5 :
घुटनों को लम्बवत् स्थिति में ऊपर उठायें । एड़ियों को नितम्बों के निकट रखते हुए धीरे – से कूल्हों को सीधा करें , ताकि जाँघे धड़ से दूर हट कर ऊपर चली जायें । घुटनों को इतना ऊपर उठायें कि वे ऊपर की ओर हो जायें और जाँघे धड़ की सीध में आ जायें । शरीर को सन्तुलित कर लें ।
6 : धीरे – धीरे घुटनों को सीधा करें और पिण्डलियों को ऊपर उठायें । सम्पूर्ण शरीर एक सीधी रेखा में और पैर शिथिल रहने चाहिए । यह अन्तिम स्थिति है । आँखों को बन्द करें और सम्पूर्ण शरीर को सन्तुलित करें । इस अन्तिम स्थिति में जितनी देर आराम से सम्भव हो , शरीर को शिथिल रखते हुए रुकें ।
7 : प्रारम्भिक स्थिति में लौटें । धीरे – धीरे घुटनों को मोड़ें और विपरीत क्रम से शरीर को तब तक नीचे लायें जब तक पैरों की उँगलियाँ जमीन तक न पहुँच जायें । कुछ समय के लिए सिर को जमीन पर रखते हुए तब धीरे – धीरे सीधी स्थिति में लौट आयें ।

सिर के बाल झड़ने के लिए यदि आप कुछ घरेलु उपाय करना चाहते है तो इसके लिए आप आगे दिए लिंक पर क्लिक करें – सिर के बाल झड़ने का घरेलू उपचार

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