एक बहुत पुरानी घटना है । तीन व्यक्ति पहली बार बम्बई गये । गाँव की ओर से बम्बई जाने वाले पहले तीन व्यक्ति यही थे । एक रिकार्ड बन गया । गाँव में से पहले कोई बम्बई नहीं गया था । बम्बई बहुत बड़ा शहर था । कई भाषा के लोग रहते थे ।
ये तीनों एक महीना रुके । तीनों ने एक – एक अंग्रेजी शब्द सीखा । केवल एक ही शब्द । पहले ने यस (Yes) , दूसरे ने वी आर थी (We are three) , तीसरे ने डोन्ट वरी Don’t worry सीखा ।
इतना ही आता था और कुछ नहीं आता था । पहले व्यक्ति को जो आये वह दूसरे तीसरे को नहीं आता था । दूसरे व्यक्ति को जो आये वह पहले तीसरे को नहीं आता था ।
तीनों लाइन में खड़े हों तो बोलें “ Yes , We are three , Don’t worry , गाँव में आये तो मानो ब्रह्माण्ड आ गया । मानो दुनिया का सारा ज्ञान लेकर आये हों ।
गाँव वाले पूछते , ” क्या बम्बई गये थे । ” वे बोले , “ Yes , We are three , Don’t worry ” गांव में यदि A , B , C , D , बोलो तो भी चलेगा । अंग्रेजी बहुत अच्छा आता है । इन तीनों का अभिमान कहीं भी समाता नहीं था । जब भी कोई पूछता तो वे यही जवाब देते , Yes , We are three , Don’t Worry “
उन तीनो ने मकान भी आप – पास बनाया था । अलग होने पर कहीं भूल जाएँ तो ? वे तो कविता की पंक्ति की तरह बोलते थे । गाँव वाले हैरान हो गये । हम कुछ नहीं जानते और ये अंग्रेजी सीखकर आ गये ।
गाँव वालों को उपदेश देते कि गाँव से बाहर निकलो इस तरह कब तक गाँव में पड़े रहोगे ? दुनिया देखे । कितना सीखकर हम आये हैं ? भई तुम तो We are three Don’t worry सीखकर आये हो । Don’t worry वाले से दो महीने में ही गाँव परेशान हो उठा ।
उसी समय गाँव में डाका पड़ा , लूटमार हुई । चोरों ने घर लूट लिया । पहले जमाने में खाकी वर्दी का रौब था । पुलिस या जमादार के आते ही दूकान बंद हो जाती थी । घर से व्यक्ति बाहर नहीं निकलते थे ।
अब तो सब घूमते हैं । कोई ध्यान नहीं देता कि कौन पुलिस कौन फौजदार ? रिक्शा वाला निकले तो पुलिस वाला आवाज लगाये कि , ‘ अरे …. लाईट बिना कहाँ जाता है ? ” वह बोले , ” अरे हट जा । ब्रेक नहीं हैं । ” ऐसे पुलिस , फौजदार ने गाँव में प्रवेश किया ।
चोरी हो गई है । साहब पधारे हैं । अब क्या करें ? गाँव वालों ने सोचा कि हमें तो बोलना नहीं आता । कहीं भूल हो गई तो अपनी शामत आ जायेगी । एक ने कहा , ” वह बम्बई से आये हैं उन्हें भेज दो । ” अंग्रेजी भी जानते हैं । हमारे गाँव मैरोब छा जायेगा कि गाँव में अग्रेजी के जानकार हैं । “
वे लोग उन तीनों के पास गये और कहा , ” साहब पुलिस वाले आये हैं । आप पधारना । ” वे बोले , “ Yes , We are three Don’t worry , चलो । ” वे तीनों तैयार होकर लाइन में खड़े हो गए । कहीं भूल हो गइ तो ? सारे गाँव वालों के बीच में त्रिमूर्ति खड़ी थी ।
रौब से फौजदार के सामने गए । फौजदार को शंका पड़ी । उसने सोचा गाँव वाले पकड़कर ले आये हैं । उसने पूछा , ” क्यों गाँव की चोरी की ? पहले ने कहा , Yes फिर पूछा , ” कितने लोग थे ? ” दूसरे ने कहा , we are three फौजदार ने कहा , ” पकड़लो इन लोगों को । तीसरे ने कहा , Dont worry अन्दर चले गये । तीनों ने अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारी ।
किसी को थोड़ा बहुत आ जाता है तो वह स्वयं को ज्ञानी मानने लगता है। हमें सदैव वास्तविक ज्ञान को खोज करनी चाहिए। जो ज्ञान
बंधन में डाले वह ज्ञान नहीं होता है।
सा विद्या या विमुक्तये । ज्ञान तो मानव को बंधनो से मुक्त करता है । जेल में बन्द करवा दे, यह ज्ञान नहीं कहलाता ।
अहंकार मेरा हो या आपका यह सदैव बंधन में डालता है। जहाँ अहंकार नही ज्ञान वही होता है। ज्ञान हमे मुक्त कर सच्चा ज्ञानी बना देता है।