एक चील होता है। वह हर रोज अपना भोजन अपनी दूर जमीन पर झपटने की कला और मेहनत से पाता। कबूतरो का एक झुंड हर रोज घाटी में बने एक मैदान में भोजन की तलाश में जाता। जैसे ही वह जमीन पर दाना चुगने के लिये बैठते । मौका देखकर चील हर रोज दूर से झपटा मार कर एक कबूतर को पकड लेता।
यह सब एक कौवा देखता। और यह सब देखकर उसके मन में लालच आ जाता। और सोचता हैै कि इन कबूतरो का कोमल मांस खाने के लिये मुझे कैसे मिलेगा।
वह चील की नकल करने की सोचता। वह वैसा ही करने की कोशिश करने लगा। और सोचने लगा की में भी झपटा मारकर आज एक कबूतर पकड लूंगा।
अब कौवा काफी ऊपर आसमान में चला गया। और वहां से तेजी से नीचे की और उडा। जैसे ही वह कबूतर के पास आया कबूतर उड गया। उसकी तीव्रता और पकड चील के मुकाबले कुछ भी नही थी। जिसके बदले कौवे की चोच व गर्दन जमीन पर इतनी जोर से लगी की वह टूट गयी।
नकल करने का फल इस कहानी से हमे यह सिख लेनी चाहिये कि हमे नकल करने की कोशिश नही करनी चाहिये। और मेहनत करके ही किसी चीज को हासिल करने की कोशिश करनी चाहिये।
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