एक बार मोनू नाम का एक आदमी होता है। जो एक गांव मे रहता है। वह अपने ही पास में रहने वाले एक व्यक्ति जिसका नाम संजय होता है। वह उसको गाली दे देता है। लेकिन इस पर संजय कुछ नही बोलता है।
और चला जाता है। अब वह बात जिस पर मोनू ने गाली दी थी। उसे कही से पता चला की उसमे संजय की तो कोई गलती ही नही है। तब मोनू को बहुत दुख होता है। और अपनी गलती का अभास होने के बाद एक साधक के पास जाता है। और अपने कहे शब्द को वापस लाने का उपाय पुछता है।
तब साधक मोनू को बहुत सारे पंख की व्यवस्था करने को कहता है। तो मोनू बहुत सारे पंखो को लेकर आता है। अब वह साधक उसे उन्हे गांव के बीच में रखकर आने को कहता है। मोनू सारे पंख रखकर आ जाता है। अब साधक उसे सारे पंख वापस लाने के लिये कहता है।
मोनू जब फिर से वहां गया तो उसे वह बहुत सारे पंख यहां वहां उडे मिले। वह खाली हाथ वापस आया और सारी स्थिति का हाल बताया। तब साधक ने कहा इसी प्रकार हमारे द्धारा कहे शब्दो का हाल होता है। इसलिये हमे जो भी कहना होता है सोच समझकर कहना चाहिये। बोले हुये कटु शब्द वापस नही आते। अब तुम्हे जाकर संजय से माफी मांगनी चाहिये। जो तुम्हारे दिल को हल्का कर देगी। और आगे से जो भी कहो सोचकर ही बोलना। दोस्तो मोनू को तो अपने कहे का पछतावा भी हुआ और उसने माफी भी मांगी ।
लेकिन ज्यादातर लोग बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते है और बाद में पछतावा करते है कि मुझसे गलति हो गयी। मैने ये क्या कह दिया है। हमे सदैव सोच समझकर ही बोलना चाहिये।
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