विपिन के आविष्कार से चमत्कार कहानी | Miracle by Invention of Vipin Hindi Story

एक बार की बात है एक लड़का जिसका नाम विपिन था । वह अपने परिवार के साथ अपने गांव में रहता था वह पढने में तेज था लेकिन गांव में एक ही स्कूल था और वह भी काफी दूर था । वह काफी गरीब थे लेकिन विपिन के माता पिता ने भी उसकी पढाई में कोई कसर नही छोडी। विपिन की भी पढाई में काफी लगन थी ।

विपिन की पढाई की लगन को देखकर सभी मास्टर भी खुश थे। लेकिन उसी साल गांव में सुखा पड गया और गांव में लोग पानी के लिये तरसने लगे ।इस समय वह दसवी कक्षा में था लेकिन किशमत को तो कुछ और ही मनजुर था। सुखे के कारण उसके माता पिता को रोजगार मिलना भी बन्द हो गया और जिस कारण विपिन को स्कूल छोडना पड गया । लेकिन अब तक वह काफी कुछ सीख गया था । वह गणित और विज्ञान में काफी तेज था। वह स्कूल की लाइब्ररेरी से भी सांइस की काफी किताबे पढ चुका था ।

बाकी सारे बच्चे स्कूल जाते और वह घर पर रह कर ही आगे भविष्य के बारे में सोचता । अब विपिन का ध्यान पहले गांव के भविष्य पर था । वह सोच रहा था कि अभी तो पानी की इतनी समस्या है । आने वाले भविश्य में क्या होने वाला है। गांव के सारे तालाब धीरे धीरे सुख रहे थे । मवेशियो के लिये पानी की किल्लत का सामना करना पड रहा था । हरे भरे पेड सुखते जा रहे थे । विपिन ने विज्ञान की किताबो में तो पढा ही था की पेड पोधे भी अपनी जडो में पानी को रोकते है लेकिन यहां समस्या काफी बड चुकी थी ।

विपिन ने इसके बारे में काफी सोचा ओर अपने दिमाग में एक प्लान बनाया । विपिन गांव के सरपंच के पास गया ओर कहा की संरपच जी आने वाले समय में गांव का पानी के बिना क्या होगा ।संरपच ने विपिन की बातो को सुना लेकिन उन्होने उसकी बातो को हल्के में लेकर टाल दिया ।
लेकिन विपिन ने हार नही मानी और गांव में अपने दोस्तो की मदद से पेड पौधे लगवाने शुरू कर दिये सारे गांव के लडको ने गांव के एक इलाके को छोटे छोटे पेड़ पौधे लगाकर हरा भरा कर दिया । ओर वहां पर जो कुंवा था । उसका जल स्तर भी बढने लगा । इस बीच विपिन ने एक बहुत बडी खोज भी कर दी थी । उसने पाया की गांव में एक घास है जो जमीन के जल स्तर को जल्दी सुखा देती है और जहां जहां वह घास ज्यादा मा़त्रा में है उस इलाके के कुवो का जल स्तर पुरी तरह से नीचे चला गया ।

अब सुखा अपने रंग पुरी तरह से दिखाने लगा था आस पास के गांव मे भी लोग सुखे के कारण बहुत ज्यादा परेशान थे और पानी की तलाश मे इघर उधर भटक रहे थे जब विपिन के गांव मे एक मात्र कुंवा पानी का जो लोगो का काम चला रहा था सभी उसकी ओर भागे चले आ रहे थे । तब विपिन ने जब फिर से अपनी बात सब के सामने रखी तो लोगो को उसकी बात समझ में आ गयी ।

उसके बाद में सभी लोगो की मदद से विपिन ने उस घास को उखडवाकर उनके चारो ओर पेड पोधे लगवाये । अब ये समय धेर्य का था । जिसे लोगो ने जैसे तैसे काट लिया और लोगो को पेड पोधो का महत्व समझ में आ गया था कुछ दिनो बाद जब फिर से बारिश हुयी तो सारे जलाशय फिर से भर उठे और गांव की जिन्दगी फिर से पटरी पर आ गयी ।

लेकिन इस सब ने विपिन की पढाई को छुडवा दिया था लेकिन उसके द्धारा किये गये आविष्कार से विपिन का नाम राष्टीय पुरस्कार के लिये घोषित हो चुका था ओर पढाई के लिये स्कॉलरशिप की व्यवस्था सरकार द्धारा की जा चुकी थी ।इस सब से विपिन के मां बाप काफी खुश थे और विपिन्न भी लगन और मेहनत ने उसे औरो से अलग बना दिया इसलिये दोस्तो हमे सदैव मेहनत से काम करना चाहिये और मुसीबत के समय पर धेर्य से काम लेना चहिये ।

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