आजकल कमर दर्द की समस्या बहुत ही सामान्य बीमारी मानी जाती है। जबकि दर्द बढ़ जाने पर यह बहुत ही कष्ट प्रद साबित होता है। फलस्वरूप इसके दर्द से पीड़ित रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। यह मेरुदंड में स्थिति डिस्क के खिसकने से उत्पन्न होता है। यह कार्य क्षमता से अधिक कार्य करने पर होता है, अत्यधिक भार उठाने पर भी कमर दर्द की समस्या बढ़ जाती है। पीठ दर्द का मुख्य कारण तनाव व पीठ का अत्यधिक कड़ापन होता है।
कमर दर्द के कारण
- अनुचित रूप से बैठने व खड़े होने से।
- अधिक रूप से आगे झुक कर बैठने का कार्य।
- नियमित व्यायाम की कमी से।
- बहुत ज्यादा कंप्यूटर पर बैठने के कार्य से।
- सामर्थ्य से अधिक अनुचित रूप से भार उठाने से
- सड़क दुर्घटना में वाहनों के गिरकर फिसलने से।
- मासिक धर्म की अनियमितता के कारण।
- अत्यधिक वाहन चलाने की प्रक्रिया से।
- अत्यधिक नरम गधों पर सोने से।
- कैल्शियम व लौह तत्व की कमी से
- ऊंचाई से कूदने या गिरने से।
- विश्राम की कमी से ।
- ऊंची एड़ी के जूते चप्पल पहनने से।
कमर दर्द के लक्षण
कमर के निचले भाग में दर्द की अनुभूति ,खड़े होने, चलने बैठने में कठिनाई, मांसपेशियों में कड़ापन ,आगे पीछे झुकने की प्रक्रिया से दैनिक कार्यों में कठिनाई ,कमर दर्द के कारण नींद ना आना| दर्द की लहरों का नीचे की और बहना ,कभी-कभी पैर के अंगूठे का सुन्न हो जाना ,लगातार कंप्यूटर पर बैठने में कठिनाई ,आगे झुकने में कठिनाई।
कमर दर्द के लिये योग चिकित्सा
पीठ दर्द की असहनीय पीड़ा से बचने के लिए योग अति आवश्यक है। योग करने से आराम की अनुभूति होगी। योग से ही इसका उपचार संभव भी है। अत्यधिक पीड़ा में पीठ का हिलना ढूंढना बिल्कुल संभव ना हो तो पेट के बल लेट कर आसन कर सकते हैं।
कमर दर्द के लिये आसन
- – भुजंगासन
- भुजंगासन
- मार्जरी आसन
- शशांक आसन
- उत्तानपाद आसन
- सुखासन
- पद्मासन
- सिद्धासन
- शवासन
आदि का आसन का अभ्यास सरलता से कर सकते हैं। कोई भी ऐसा आसन ना करें जो आगे झुकने वाला हो जिससे आप के मेरुदंड में दबाव ज्यादा पडे। कोई भी आसन करने के बाद आराम अवश्य करें।
कमर दर्द के लिये प्राणायाम चिकित्सा
पीठ दर्द के रोगी कोई भी प्राणायाम आसानी से कर सकता है जैसे- कपालभाति, भस्त्रिका , नाड़ी शोधन, उज्जायी, शीतली, शीतकारी और सूर्यभेदन इत्यादि।
कमर दर्द में आहार
आप किसी भी प्रकार की औषधि लेते हैं तो उसमें आपको प्रारंभ में हल्का भोजन ही लेना चाहिए। ऐसा भोजन करें जिसमें तरल पदार्थ अत्यधिक हो सब्जियों का रस अति उत्तम है । इसके बाद खिचड़ी या मूंग का रस लेना शरीर के लिए लाभदायक है।
यदि आप बिस्तर पर ज्यादा गरिष्ठ पदार्थ लेते हैं, तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। इसीलिए हमेशा हल्का आहार ही लें जो, आपके शरीर के लिए लाभदायक हो अत्यधिक तला भुना पदार्थ ना लें जैसे दूध चावल दाल सब्जी रोटी ले सकते हैं।