कमर दर्द के लिए योग (Yoga For Back Pain) -: कमर दर्द का मुख्य कारण कई देर तक एक गलत अवस्था में बैठे रहने से या फिर कूबड़ बना कर बैठने के कारण, गलत तरीके से चलने फिरने के कारण से होता है या फिर कई देर तक हम अपने ऑफिस के कार्यों को करने के लिए कुर्सी पर बैठे रहते हैं। इसके कारण भी कमर दर्द होता है।
जिससे कि किसी विशेष कशेरुकाओं पर अधिक दबाव पड़ता है और उन में खराबी आने लगती है, यदि हम इसे इग्नोर करते हैं तो यह घातक रूप ले सकती है और आपके मेरुदंड को नुकसान पहुंचा सकती है।
इस विकट समस्या को दूर करने के लिए योग में कई प्रकार के आसन हैं। जिससे कि आसानी से हम इस समस्या को मात दे सकते हैं। लेकिन इन आसनों का अभ्यास निरंतर प्रतिदिन आधा घंटा तक करना जरूरी है। आइए जानते हैं योग के उन आसनों के बारे में जो हमारे शरीर के स्तंभ यानी कि मेरुदंड को मजबूत बनाने और कमर दर्द से छुटकारा पाने में मदद करते है। आइये जानते कमर दर्द से निजात पाने के लिए आसन ।
कमर दर्द के लिए योगासन (Yoga Asanas for Back Pain)
मरकट आसन
विधि –
- पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनो पैरों को घुटने से मोड़कर नितम्बों के पास रखें।
- दोनो हाथो को कंधो की सीध में खोल दें।
- सांस छोड़ते हुए घुटनों को बायीं तरफ ले जाएं
- दाएँ हाथ की और देखें।
- वापस आकर दाई और से अभ्यास को दोहराएं।
- पाँच मिनट तक यह अभ्यास 20 बार दोनो तरफ दोहराएं।
मकरासन (Crocodile Pose)
विधि –
- पेट के बल लेट जाएं ।
- दोनों पैरों के बीच हल्की सी दूरी बना लें।
- अपने सर और छाती को ऊपर उठा कर हाथों की हथेलियों को दोनों तरफ अपने चेहरे पर रख दें।
- कोहनियों को जमीन पर रख दें ।
- कुछ देर तक इसी अवस्था में रहें ।
- वापस आकर कुछ देर बाद इसी आसन को दोहराएं ।
मकरासन के लाभ – इस आसन के अभ्यास से कमर को आराम मिलता है तथा श्वास से संबंधित रोगों के लिए भी यह आसन उपयुक्त है।
भुजंगासन (Cobra Pose)
विधि –
- पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों हथेलियों को अपने सीने के बगल में रख दें।
- माथे को जमीन पर रख दे।
- पैरों में हल्की सी दूरी बना ले।
- सांस भरते हुए छाती और सर को ऊपर की ओर उठाएं।
- नाभी जमीन से ना उठाये।
- दृष्टि को एक बिंदु पर केंद्रित करें।
- कुछ देर तक लगभग 30 से 45 सेकंड इसी अवस्था में बने रहे।
- धीरे से वापस आ जाएं, आसन को एक बार फिर से दोहराएं।
इस आसन में शरीर की आकृति सांप जैसे दिखाई देती है इसलिए इसका नाम भुजंगासन है।
इस आसन के निरंतर अभ्यास से न केवल कमर दर्द से राहत मिलती है बल्कि यह पेट की चर्बी को भी कम करता है और फेफड़ों को भी मजबूत करने का कार्य करता है।
शलभासन (Locust Pose)
विधि –
- पेट के बल लेट जाएं।
- हथेलियों को जांघों के निचे, निचे की और रखे या आपस में फंसा दे ।
- ठुड्डी को जमीन पर रख दें।
- सांस भरते हुए दोनों पैरों को सीधा रखते हुए ऊपर उठाये और तान लें।
- जितना सम्भव हो भुजाओ पर जोर डालकर पैर ऊपर की और उठाये
- कुछ देर रहने के पश्चात धीरे से वापस आएं
- दोबारा से अभ्यास को दोहराएं।
लाभ –
आसन के अभ्यास से कमर मजबूत बनती है और नसों तक पर्याप्त ब्लड पहुंचता है ।
उष्ट्रासन (Camel Pose)
घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
दोनों पंजो के बीच एक फीट की दूरी बना कर रखें।
दोनों हाथों से अपने एड़ियों को पकड़े।
छाती को ऊपर की ओर ताने कुछ देर रहने के पश्चात वापस आ जाएं।
शशांकासन में आराम करें।
उत्तानपादासन
विधि –
- पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं।
- हाथों को नितंबों के बगल में जमीन पर रखें
- दोनों पैरों को आपस में मिला ले।
- सांस भरते हुए दोनों पैरों को 90 अंश के कोण पर उठाएं।
- पंजों को बाहर की ओर खींचे।
- कुछ देर वहीं पर रुके रहें।
- धीरे से पैरों को जमीन पर ले आएं।
- पुनः अभ्यास को दो से तीन बार दोहराएं।
लाभ – इस आसन के अभ्यास से पूरी रीड की हड्डी पर दबाव पड़ता है जिससे कि मेरुदंड मजबूत हो जाता है और साथ में यह श्वशन संबंधित रोगों ,मोटापे और पैर के लिए लाभकारी है।