अनियमित मासिक धर्म क्या है
Table of Contents
अनियमित मासिक धर्म की समस्या प्रत्येक स्त्रियों के साथ होती है। हर लड़की को 12 से 15 साल की आयु से मासिक धर्म होने लग जाता है। इसमें योनि में से रक्त स्राव होता है। यह प्रक्रिया 5 दिन तक चलती है। यह 28 दिन से 35 दिन के बीच में हो जाता है। यदि यह किसी कारणवश ना हो या 35 दिन के बाद हो तो वह अनियमित मासिक धर्म कहलाता है।
हर स्त्री को इस समस्या का सामना करना पड़ता है यह अनुचित खानपान अनियमित जीवन शैली सही तरह से खानपान न लेने के कारण और हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण उत्पन्न होता है यह भागदौड़ भरी जिंदगी तनाव के कारण भी होता है। इस समय स्त्रियो को कठिन दर्द का सामना भी करना पड़ता है इसमें पेट दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द आदि समस्या होती है।
अनियमित मासिक धर्म के 21 विशेष लक्षण
- यदि मासिक धर्म देर से हो तो उसके होने में उतनी ही कठिनाई होती है।
- मासिक धर्म देर से होने पर पेट में दर्द की समस्या बनी रहती है
- कमर में दर्द की समस्या बनी रहती है।
- कई स्त्रियों को तो उल्टी चक्कर आना सिर दर्द की समस्या भी होती है
- इसमें नींद ना आना ।
- घबराहट ।
- तनाव के कारण धड़कन का बढ़ना।
- चलने फिरने में कठिनाई।
- थकान के कारण पैरों में दर्द।
- अनियमित मासिक धर्म के कारण –
- अनियमित दिनचर्या के कारण
- सही तरीके से खानपान न लेने पर
- शरीर में रक्त की कमी होने से
- हार्मोन डिसबैलेंस
- अत्यधिक चिंता तनाव के कारण
- व्यायाम की कमी
- बहुत अधिक थकान
- उचित रूप से निद्रा ना लेने के कारण
- संतुलित आहार न लेने से
- भोजन में हरी सब्जियां आदि न रहने के कारण रक्त की कमी होना
- ज्यादा मोटापा बढ़ जाने से
आचरण संबंधी नियम –
महिलाओं को अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए। किशोरावस्था में लड़कियों के साथ बहुत सारे बदलाव होने के कारण उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। इसीलिए उनको अपने खानपान और उचित रूप से निद्रा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। खाने में हरी सब्जी जरूर खानी चाहिए। 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। साथ ही व्यायाम करना भी शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। प्रातः व्यायाम जरूर करें। समय-समय पर आहार ग्रहण करें। उठने व सोने का समय बनाए। अपना कार्य निश्चित समय पर ही करें। ज्यादा तनाव ना होने दें। अपने शरीर पर ध्यान दें यदि मासिक धर्म के समय पीड़ा अधिक हो तुम गर्म पानी का उपयोग करें। इससे आपको आराम मिलेगा।
अनियमित मासिक धर्म के लिए आसन
मासिक धर्म की समस्या के लिए आसन और व्यायाम दोनों ही बहुत लाभकारी है। इसमें चक्रासन, भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन, मंडूकासन, अर्ध तितली आसन, पूर्ण तितली आसन, विपरीत करनी ,मत्स्येंद्रासन ,धनुरासन, मार्जरी आसन, मर्कटासन, उत्तानपादासन, नौका संचालन आदि करें।
अनियमित मासिक धर्म के लिए प्राणायाम
इसमें कोई भी प्राणायाम कर सकते हैं पर विशेष रूप से भ्रमरी, भस्त्रिका ,कपालभाती, नाड़ी शुद्धि, ध्यान की क्रियाएं अवश्य करें।
अनियमित मासिक धर्म के लिए आहार-
इसमें आहार पर विशेष बल दिया गया है क्योंकि स्त्रियों को विशेषकर अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें उचित मात्रा में लोह तत्व हरी सब्जियां, संतुलित आहार, फलों का रस, अनार, सेब, संतरा, विटामिन, दूध, खनिज लवण, अंडे आदि का सेवन करना चाहिए। नशीले पदार्थ वर्जित है। पानी अवश्य लें।