एक विशाल पेड पर हंसो का एक समूह रहा करता था। सभी हंस दिन भर इधर उधर जाते और राते को उसी पेड़ पर आ जाते। उनमें से बुढा हंस काफी चतुर और बुद्धिमान था। इस समूह में सभी उसका आदर करते थे। एक दिन उस हंस ने देखा कि उस पेड की जड से एक बेल ऊपर की तरफ लिपट रही है।
उस हंस ने सभी अन्य हंसो को बुलाकर बोला देखो एक दिन हम सब इस बेल के कारण मारे जायेगे। धीरे धीरे यह बेल इस पुरे ऊपर से लिपट जायेगी। और यह शिकारी के लिये सीडी बन जायेगी।
तभी एक हंस ने कहा यह कैसे सम्भव हो सकता है। तब उस बुढे हंस ने उसको समझाते हुये कहा । जैसे जैसे यह बेलदार पौधा बडा होता जायेगा यह ऊपर की और बढता जायेगा। और यह पेड़ भी निरंतर मोटा हो रहा है। जिस कारण यह बेल इस पेड़ से चिपक जायेगी। फिर यही बेल पेड़ पर चढने के लिये सीढ़ी का काम करेगी। और हम शिकारी के द्धारा आसानी से पकडे या मारे जायेगे।
दूसरे हंसो को यह बात समझ में नही आयी और वह उस बुढे हंस की बात मजाक समझ बैठे। समय बीतता गया और वह बेल वास्तव में विशाल रुप ले चुकी थी । व पेड के बढने के कारण पेड से चिपक गयी। जिससे वह आसानी से सीढ़ी का काम कर रही थी।
एक दिन जब सुबह सारे हंस जब बहार दाना चुगने गये तो दिन में वहां एक शिकारी आया। और उसे यह भापने में ज्यादा देर नही लगी कि पेड पर हंस रहते है। वह झट से पेड पर चढ गया और उसने वहां जाल बिछा दिया।
रात को जब सारे हंस लोटकर आये तो सब के सब उस जाल में फंस गये। तब सभी को उस बुढे हंस की बात याद आयी। सब के सब एक दूसरे से बात कर रहे थे कि अब क्या होगा। सुबह शिकारी आयेगा और हम सब मारे जायेगे।
वह बुढा हंस एक कौने में चुपचाप बैठा हुआ था। तब एक हंस ने उस से कहा हम सब से गलति हो गयी। हमे माफ कर दो। हम आप की दूरदर्शिता को नही समझ पाये । अब हम सब को यहां से बहार निकालने का रास्ता बताये।
फिर वह बुढा हंस बोला कल सुबह जब शिकारी आयेगा तब सब मरने का नाटक करना। वह समझेगा की ये सब फडफडा कर और डर के मर गये। फिर वह एक एक करके सब को जाल से बहार निकालेगा और जमीन पर फेकता जायेगा। सब के सब तब तक शांत रहना जब तक सारे हंस बहार नही आ जाते और में उड़ने का आदेश नही देता।
अगले दिन जब शिकारी आया तो वह सारे हंसो को जाल में देखकर बडा ही खुश हुआ। उसने जाल को पैड से उतार कर जमीन पर लाया और हंसो का मरा हुआ समझने लगा। अब वह एक एक करके सारे हंसो को जमीन पर पटकने लगा।जब उसने सारे हंस बहार निकाल दिये तब उस बुढे हंस ने एक आवाज की और सब को एक साथ उडने का संकेत दिया।
सारे के सारे हंस एक साथ उड गये। यह सब देखकर शिकारी हैरान रह गया। वह सब उस बुढे हंस की दुरदर्शिता के कारण बच गये। दोस्तो हमे सदैव अपने से बडो व बुद्धिमान लोगो की बात पर विश्वास करना चाहिये। अन्यथा इससे हमें नुकसान भी हो सकता है।
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