ईमानदारी का फल कहानी | Imandari Ka Fal Short Story in Hindi

एक बार की बात है कि मै बाजार मे सामान ने लेने गया । जब मैने समान ले लिया था तभी वहाँ पर मुझे मेरा दोस्त राजेश भी मिल गया । हम दोनो आपस मे बात कर रहे थे कि दुकान पर एक और व्यक्ति समान लेने आ गया । समान लेने के बाद जब वह रुपये दे रहा था तो उसकी पीछे वाली जेब से रुपये निकालते समय 1000 रु का नोट भी नीचे जमीन पर गिर गया । किन्तु उस व्यक्ति को पता नही चला यह सब होते हुए मेरे दोस्त ने देख लिया ओर मुझे बताया कि उस व्यक्ति के रुपये नीचे गिर गये है ।

मै उस व्यक्ति को गिरे रुपयो के बारे मे बताने ही जा रहा था की तभी मेरे दोस्त ने मुझे रोक कर कहा की उसे जाने दो हम उन पैसो से चाउमीन खायेगे ।

मैने उसे समझाया कि यह गलत है और मै थोडी देर रुका । उसके बाद मैने वह 1000 रु का नोट उठाकर उस व्यक्ति को पुकारा और उनके रुपये उन्हे वापस कर दिये । वह व्यक्ति काफी प्रसन्न था और हमारी ईमानदारी के बदले कुछ देना चाहता था। तभी मैने उसे मेरे दोस्त की चाउमीन खाने की बात बतायी तो उस व्यक्ति ने हमे खुशी से चाउमीन खिलायी । तब मेरा दोस्त समझ गया कि हमने उसे रुपये वापस देकर कितना अच्छा कार्य किया।

यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है दोस्ते ईमानदारी ईमानदारी ही होती है चाहे वो छोटी हो या बडी हमे सदा ईमानदारी का पलान करना चाहिए।

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