रक्षाबंधन हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और यह भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है। परंतु भारत देश में इसे भाई बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। भारत एकमात्र देश है जो इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इसके महत्व को समझता है और इस त्यौहार का सम्मान करता है।
रक्षाबंधन के दिन बहन अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधती है। और भाई बहन को यह वचन देता है कि मैं हमेशा तुम्हारी रक्षा करूंगा और बहन यह वचन लेती है कि मैं हमेशा भाई का साथ दूंगी और भाई की सुखी जीवन की प्रार्थना करती है। यह एक ऐसा त्यौहार है। जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है और उन्हें प्यार के बंधन में बांधता है। यह एकमात्र ऐसा त्यौहार है जो परिवारों को एकजुट बंधता है और राखी के त्यौहार के दिन भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और बहने उन्हें मिठाई खिलाती है। रक्षाबंधन का त्यौहार एक पवित्र त्यौहार कहलाता है।
रक्षाबंधन का इतिहास
रक्षाबंधन का त्यौहार ऐतिहासिक समय से मनाया आता जा रहा है। इसकी एक यह कथा है कि जब भगवान विष्णु पाताल लोक जाते हैं और काफी समय तक वापस नहीं आते हैं। तो माता लक्ष्मी और कई देवगण चिंतित हो जाते हैं। तब नारायण उन्हें यह सुझाव देते हैं कि एक स्त्री का रूप धारण करके पाताल लोक जाए। तब माता लक्ष्मी एक गरीब औरत का रूप धारण करती है और पाताल लोक जाने लगती है।
जब माता लक्ष्मी पाताल लोक पहुंचती है तो वहां उन्हें बली दिखता है और माता लक्ष्मी बली की कलाई पर राखी बाँधती है और कहती है कि मेरे पति भगवान विष्णु पाताल लोक आए हैं और अभी तक घर वापस नहीं आए इसीलिए तुम मुझे वचन दो की तुम मेरे पति को वापस लाओ उस दिन भी सावन मास की पूर्णिमा होती है और तभी से यह त्यौहार रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है।
रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है
रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधती है और तिलक करती है। और उसे मिठाई खिलाती है और भाई बहन को यह वचन देता है कि मैं तुम्हारी हमेशा रक्षा करूंगा और बहन भाई को आशीर्वाद देती है। कि तुम हमेशा खुश रहो इस तरीके से भाई-बहन का यह त्यौहार जिसे की रक्षाबंधन के नाम से मनाया जाता है।