108 गायत्री मंत्र जाप के चमत्कारी लाभ | Benefits of Chanting Gayatri Mantra hindi

गायत्री मंत्र    

ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।

गायत्री मंत्र का अर्थ

हम उस ईश्वर आराध्य का ध्यान स्मरण करते हैं जो महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ऊर्जा (प्राण) का अवतार करने वाला, दुख का नाश करनेवाला, खुशी को मूर्त रूप देनें वाला, वह हमें प्रबुद्ध व प्रकाशित (रोशन) करें।

गायत्री मंत्र के रचयिता ब्रह्मऋषि विश्वामित्र है।

गायत्री मंत्र कहाँ से आया?

गायत्री मंत्र की खोज ब्रह्मऋषि विश्वामित्र ने की थी।

गायत्री मंत्र जाप का समय

ग्रंथो में गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए तीन समय बताए गए हैं।

पहला समय – प्रात:काल उठकर स्नान करने के पश्चात किया जाता है क्योंकि प्रात काल में ऑक्सीजन का स्तर बहुत अच्छा रहता है और पर्यावरण शांत प्रतीत होता है और इस समय मनुष्य की चेतना उच्चतम स्तर पर रहती है यदि इस समय गायत्री मंत्र का जाप प्रतिदिन किया जाए तो हमें शारीरिक एवं मानसिक शांति मिलेगी और मन शांत रहेगा एवं शरीर के सभी विकार दूर हो जाएंगे।

दूसरा समय –  गायत्री मंत्र जाप का दूसरा समय दोपहर में बताया गया है।

तीसरा समय – गायत्री मंत्र के जाप का तीसरा समय सायंकाल को सूर्यास्त से कुछ समय पहले से लेकर सूर्यास्त के बाद तक किया जा सकता है।

गायत्री मंत्र के क्या लाभ है

मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति- गायत्री मंत्र की नियमित जांच से इसका मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है तथा मनुष्य को मानसिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है वह अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर होता है।

गायत्री मंत्र जाप करें रोगों से मुक्ति

गायत्री मंत्र साधना से कई प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोग नष्ट हो जाते हैं । आंखों की रोशनी बढ़ती जाती है दिमाग तेज होता है पेट एवं स्वसन संबंधित बीमारियां खत्म हो जाती है और सभी ग्रंथियां सुचारू रूप से कार्य करने लगती है

गायत्री मंत्र डायबिटीज में लाभकारी

गायत्री मंत्र के जाप से पैंक्रियास पर गहरा प्रभाव करता है वह वाइब्रेट होता है और इंसुलिन जनरेट करता है जिससे कि मधुमेह का रोग ठीक हो जाता है।

गायत्री मंत्र क्रोध में लाभकारी

 जिन व्यक्तियों को अत्यधिक क्रोध आता है और एवं जिन व्यक्तियों का रक्तचाप बढ़ा रहता है उनके लिए यह रामबाण की तरह है निरंतर इसके अभ्यास से क्रोध धीरे-धीरे करके खत्म हो जाता है क्योंकि मन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

गायत्री मंत्र  से नकारात्मक ऊर्जा का अंत

विचारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है गायत्री मंत्र शरीर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा एवं विचारों को खत्म कर देता है एवं सकारात्मक विचारों को जन्म देता है जिससे कि व्यक्ति की सोच सकारात्मक हो जाती है वह हर जगह हर समय अच्छा सोचने लगता है और अच्छा सोचने पर सब कुछ अच्छा होने लगता है।

गायत्री मंत्र से डिप्रेशन में लाभ

गायत्री मंत्र डिप्रेशन जैसे घातक एवं जानलेवा बीमारी को भी ठीक कर देता है क्योंकि डिप्रेशनमन में मौजूद लाखों प्रकार के नकारात्मक  विचारों के प्रभाव के कारण होता है और गायत्री मंत्र मन में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है जो आनंद का प्रतीक है और भय से मुक्ति दिलाता है।

गायत्री मंत्र जाप की विधि

गायत्री मंत्र के जाप के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पेट की सफाई के बाद नहा लें और उसके बाद किसी स्वच्छ स्थान पर मेट या दरी बिछाकर सुख पूर्वक बैठ जाएं इसके पश्चात 8 से 10 बार लंबी गहरी सांस भरकर धीरे से स्वास को छोड़ें और इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करना आरंभ करें और मंत्र के प्रभाव को महसूस करें।

गायत्री मंत्र का जाप कितनी बार करें।

शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र का 108 बार जाप अत्यधिक शुभ माना जाता है लेकिन आरोग्य प्राप्ति हेतु आप कम से कम 21 बार यानी कि 7 मिनट तक अवश्य करें।

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