व्यासी नाम के गांव में एक गरीब लकडहारा रहा करता था। उसका नाम रामू था। वह रोज सुबह लकडी काटने जाता। रामू शाम तक जो कुछ लकडी काटता उन्हे बेचकर ही उसके परिवार की गुजर बसर हुआ करती थी । लेकिन गरबी के कारण गांव मे कोई भी उससे राम राम नही कहता। वह जिसे भी नमस्कार करता कोई भी उसकी बात का जबाव नही देता ।
रामू ने एक दिन व्यापार करने की सोची। उसने एक छोटा सा व्यापार शुरु किया। उससे कुछ समय बाद रामू की हालत बदलने लगी। उसने अपने व्यापार में खूब मेहनत और दिमाग लगाया । जिससे वह उस गांव का सबसे धनी व्यक्ति हो गया। अब लोग उसे झुककर नमस्कार करने लगे।
अब जो भी गांव का व्यक्ति उसे नमस्कार करता वह कहता बोल दूंगा। यह सिलसिला जारी रहा। अब एक दिन गांव के एक व्यक्ति ने रामू से पुछा सेट जी जब भी कोई व्यक्ति आप से नमस्कार कहता तो आप कहते बोल दूंगा। इसके पीछे क्या बात है।
तब रामू ने कहा पहले जब में गरीब हुआ करता था, और में इन लोगो को नमस्कार किया करता था। तो कोई भी मेरी बात का जबाव नही देता था। आज जब में पैसे वाला हो गया हूं तो सब मुझे सलाम करते है।
इसलिये मैं रोज रात को घर जाकर अपनी तीजोरी में जाकर के सभी के नमस्कार बोल देता हूं। इसलिये ही मै बोलता हूँ कि कह दूंगा।
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