वाह रे राजनीति तुमने देश की काया को क्या मोड़ दिया है !
समझ नही आता तुमने इसे किस और किया है !
विरोध करूँ तो देशद्रोह का अपमान मिलता है !
अधभक्त बनकर तारीफ़ करूँ तो देशभकत जैसा सम्मान मिलता है !!
सच्चाई सुनकर मन ही मन कड़की लेता हु !कवि हू कविताओ से सबको याद दिखऊगा !
लेखक – देवेंद्र सेमवाल
चुनाव से पहले
सत्यवादी नेता चुनने की सबको राह दिखऊगा
अनेकता मे एकता को जोडने की राह दिखऊगा
अखण्ड भारत बानाने की सब को राह दिखऊगा
काला धन जैसा मुदा अखण्ड भारत की राह मे
फिर से ना आए ऐसा सत्यवादी नेता चुनने की
सबको राह दिखऊगा!