बहरे मेंढक की जीत कहानी | Deaf Frog Win Story In Hindi

एक बार की बात है एक तलाब में काफी मेंढक थे। तलाब के पास में एक काफी बडा खम्भा गडा हुआ था और वह बहुत ऊंचा भी था। एक दिन एक मेंढक के मन में एक बात आयी कि क्यो न सभी मेंढ़कों के बीच में एक रेस रखी जाय। अब जब उसने ये बात सभी के बीच में रखी तो सारे मेंढक मान गये। रेस में भाग लेने वाले सभी मेंढको को एक खम्भे पर चढना होगा। जो प्रथम आयेगा उसे विजेता घोषित कर इनाम दिया जायेगा। अब रेस के लिये एक निश्चित दिन घोषित कर दिया गया। सभी मेंढको में काफी उत्साह था। और वह काफी उत्साह से रेस के दिन का इन्तजार कर रहे थे।

अब रेस वाले दिन सारे मेंढक समय से एक जगह पर आ गये। हर तरफ मेंढ़कों ने शोर मचाया हुआ था।

अब रेस प्रांरभ की गयी। सभी मेंढको ने खम्बे में चढने का काफी प्रयास किया। लेकिन खम्बे की चीकनाहट के कारण वह हर बार नीचे गिर आते।

अब भीड बार बार यह कहती की यह आसान नही है। सफलता पाना बहुत कठिन है। कौन इतने चिकन खम्बे पर चडेगा। मुश्किल है। ना मुमकिन है, ना मुमकिन है ।

लेकिन काफी मेढकों ने अपना प्रयास नही छोडा और वह आधे तक जाते और फिसल कर नीचे आ जाते । यह सिलसिला लगातार जारी था। अब इन सभी मेढको में ही एक छोटा मेंढक जो हर बार पुरी जान से कोशिश करता और सभी की तरह गिर कर नीचे आ जाता।

अब सभी बार बार यही कहते की ये असंभव है, ये असंभव है यह सुनकर एक एक करके सारे मेंढक ये मानने लगे की यह सही में असंभव है।

अब इनमें वह छोटा सा मेढक अंत तक पुरी जान से लगा रहा और अंत में ऊपर पंहुच गया। और उसे विजेता घोषित कर दिया गया।

अब सारे के सारे मेंढक हैरान थे कि इसने यह कैसे कर दिया । अब सारे मेंढको ने उसे घेर कर उससे यह कार नामा कर दिखाने की शक्ति के बारे में पुछने लगें। तुममें अपने लक्ष्य हासिल करने की यह ताकत कहा से आयी । बार बार इस भीड में से इस तरह के सवाल आ रहे थे। तभी उस मेंढक के दोस्त ने कहा इससे सवाल मत पुछो यह बहरा है।

अगर वही बहरा मेंढक इन्ही नकारात्मक बातो को सुन लेता तो वह भी कभी अपने लक्ष्य तक नही पंहुच पाता।

दोस्तो ज्यादा तर समय यह होता है कि हमारे अंदर कि क्षमता ओर मानसिकता को हमारे चारो और का वातावरण हमे हमारे लक्ष्य तक पंहुचने से रोकता है। और हम अपनी कोशिशो को वही पर विराम लगा देते है। और अपने लक्ष्य से भटक जाते है। लेकिन हमे सदैव अपने चारो और फैली नकारात्मक बातो के प्रति स्वंय को बहारा बना देना चाहिये। जिस दिन हम ये गुण अपने अंदर ला देगे उस दिन से हमे सफल होने से कोई नही रोक सकता है।

यदि आप इसी तरह की अन्य ज्ञान वर्धक कहानी पढ़ना चाहते है तो हमारे पेज प्रेरणादायक ज्ञानवर्धक हिंदी कहानी संग्रह पर क्लिक करे और आनंद से पढ़े   

2 thoughts on “बहरे मेंढक की जीत कहानी | Deaf Frog Win Story In Hindi”

  1. Jab sir vo behra tha to usne kaise suna ko es khambe par chadna hai or Jo Chad gya use inam milega
    Aap agar ye bole ki sabi ko dekh kar vo Chad rha hai to galat baat hai muje acha sa reply kare please

    Reply

Leave a Comment