छोटे अबोध बच्चों (नवजात शिशु) को कही प्रकार के रोग हो जाते है। लेकिन अभी वह बोल नही सकते है। ऐसे में माता पिता उनका ध्यान कैसे रखे । उनके रोगों का पता कैसे लागये। यही एक बड़ी चुनोती होती है।
ऐसे में छोटे बच्चों को होने वाली दिक्कतो को समझने के लिए कुछ संकेत दिए जा रहे है। आप इस संकेतो के आधार पर उनके रोगों का पता लगा सकते है।
छोटे बच्चों (नवजात शिशु) में रोग के कुछ लक्षण
1 बच्चों (नवजात शिशु) के रोने से उनके हल्के ओर तेज रोग का पता लगाना चाहिए। यदि बच्चा जल्दी जल्दी रोये और अपने पैरों को मोड़ दे तो उसके पेट मे दर्द समझना चाहिए।
थोड़ी थोड़ी देर बाद रोये ओर फिर बेचैन हो जाये और सिर पटके तो कान में दर्द समझना चाहिए।
जिस कान में दर्द होगा उंसको छुते ही वह जोर से चिल्लाने लागेगा।
2 यदि बच्चा शरीर के किसी अंग को स्वयं छुवे और अन्य किसी के छूने पर रोने लगे तब उस भाग में दर्द समझना चाहिए।
3 यदि बच्चा आँखों को मीचे तो उसके शरीर मे दर्द हो सकता है।
4 यदि बच्चा स्तन को काटे तो आंतो में तकलीफ समझनी चाहिए।
5 यदि बालक मुठियाँ मीचे तो हृदय में दर्द समझना चाहिए।
6 यदि बच्चा अपनी जीभ ओर ओठो को दबाए तो उसे श्वाश का रोगी समझना चाहिए। इसमें बच्चा सोते सोते अचानक चौक पड़ता है और खाँसता है और कभी कभी सिसकिया लेता है।
7 यदि बच्चा खासते समय बहुत रोता है तो छाती और पसलियों में दर्द समझना चाहिए।
8 यदि बच्चे का मल मूत्र रुक जाए और वह परेशानी के भाव से अलग अलग दिशा में देखे तो उसकी गुदा में पीड़ा समझे।
9 यदि बालक के माथे पर सिलवटे पड़ जाए और
उसे गहरी आरामदायक नींद ना आये तो फेफड़े में रोग समझना चाहिये।
10 बालक को निमोनिया होने पर या कफ उसकी छाती अटक जाने पर वह मुख से सांस लेता है और सांस लेते वक्त बच्चे के नाथुने फूलने लगते है और छाती से सांय सांय की आवाज आती है।
11 यदि बच्चा कान की और उंगली ले जाये तो कान में रोग हो समझना चाहिए।
12 यदि कोई बालक बुखार होने पर लगातार छींके, खाँसने लगे और उसके चेहरे का रंग लाल हो जाये तो समझे उसको छोटी या बड़ी माता हो सकती है।
13 यदि कोई बच्चा सोते समय दांत आपस मे पिसता है और नाक खुजाये व मल मूत्र करने वाली जहग को मलता हो तो पेट में कीड़े कृमि होते है।
15 रोगी होने पर बच्चे की जीभ मैली और भूरी हो जाती है। चेहरा पिला हो जाता है और चेहरे पर सिलवटे पड़ जाती है नींद कम आती है, मल मूत्र करते वक्त पीड़ा होती है, स्वप्न में चीखने ओर चिल्लाने लगता है। भूख कम हो जाती है व वजन कम हो जाता है।