ब्रोंकाइटिस श्वास संबंधी रोग है । यह श्वास नली में इन्फेक्शन तथा सूजन इत्यादि के कारण होता है। यह अचानक से होता है| और लंबे समय तक रहता है । इसके शुरुआती लक्षण सर्दी लगना जुखाम होना फ्लू होना इत्यादि होता है। जो ज्यादा होने पर स्वास्थ्य नलिकाओं को भी प्रभावित करता है। जिससे श्वास लेने में परेशानी होती है । यह रोग बच्चों बूढ़ों अधेड़ उम्र के लोगों तथा धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में होता है। यह कब्ज संबंधी रोग है। यह रोग होने पर अक्सर पेट में गड़बड़ और कब्ज की समस्या होती है। इस रोग को निमोनिया भी कहते हैं।
ब्रोंकाइटिस के लक्षण
1.छाती में दर्द की समस्या ज्यादा सुखी खांसी होना ।
2.सांस लेने में दिक्कत होना।
3.चलने फिरने में सांस फूलना।
4.सांस के साथ प्रत्येक धड़कन का बढ़ना।
5.तेज बुखार होने लगता है ।
6.शरीर में ठंड लगती है ।
7.स्लेष्मा के कारण कफ के कारण नाक मुंह बंद होना।
8.शरीर में थकावट महसूस होना शरीर का गिरा गिरा रहना।
ब्रोंकाइटिस के कारण
1.शरीर में ठंड लग जाने के कारण ठंड में।
2.आइसक्रीम कुल्फी कोल्ड कॉफी ठंडे पदार्थों के सेवन से ।
3.सर्दी में ठंडे स्थान पर जाने के कारण।
4.मौसम परिवर्तन होने के कारण भी होता है।
5.सर्दी जुखाम बिगड़ जाने के कारण होता है ।
6.बार बार सर्दी खांसी के लक्षणों को नजर अंदाज करने के कारण होता है।
7.बरसात में ज्यादा देर भीगे रहने के कारण भी होता है।
ब्रोंकाइटिस के लिए आचरण संबंधी नियम
इस तरह के रोगी को जुखाम होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ठंडे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए । अपना ट्रीटमेंट समय-समय पर करना चाहिए। कोई ऐसी चीज ना ले, जिससे आपको तकलीफ हो ,धूल मिट्टी से बचे ,जो काम को बढ़ने ना दे ,डॉक्टर का परामर्श ले!
ब्रोंकाइटिस के लिए योगासन
सबसे पहले प्रार्थना करें। फिर पवनमुक्तासन से शुरू करें। मकरासन, भुजंगासन ,वज्रासन ,शशांक आसन, पादहस्तासन, मार्जरी आसन ,अर्धमत्स्येंद्रासन, हलासन ,मत्स्यासन, ऐसे आसन करें ,जो छाती को मजबूत बनाते है।
ब्रोंकाइटिस के लिए प्राणायाम
छाती को बलिष्ट बनाने वाले प्राणायाम कपालभाती ,भस्त्रिका ,उज्जाई ,नाडी शुद्धि एवं ध्यान का अभ्यास करें ।योग निद्रा करें । शुद्धि क्रिया ,जलनेति ,कुंजल ,प्रतिदिन करें।
ब्रोंकाइटिस के लिए आहार
शुरुआत में फलों का रस ,सब्जियां, बलिया ,हल्का भोजन ही करें । सब्जियों का सूप ले सकते हैं । कच्ची सब्जियों का सेवन करें। प्याज ,लहसुन ,नींबू ,संतरे फलों के रस से आसानी से ढीला पड़ सकता है । गर्म पानी पिए, दूध में हल्दी डालकर पिए ,शुद्ध शाकाहारी भोजन करें। गरिष्ठ भोजन ना करें । नशीले पदार्थों से बचें।